शरजील ने ट्वीट कर कहा, 'आप सभी की दुआओं और हिमायत के लिए शुक्रिया. मैं आपके कॉल और पैगाम का जवाब न दे सकने के लिए माफी चाहता हूं. मेरा फोन और दूसरा सामान अभी भी एटीएस के पास है.
Trending Photos
नई दिल्ली: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में शहरियत तरमीमी कानून (CAA) की मुखालिफत में भड़के तशद्दुद (हिंसा) के मुल्ज़िम शरजील उस्मानी ने इसी महीने ज़मानत मिलने के बाद एक बार फिर भड़काऊ बयान दिया है. दरअसल उन्होंने अपने ट्वीटर अकाउंट पर के ज़रिए बयान में कहा है कि 'बाबरी मस्जिद दोबारा बनाएंगे.'
शरजील ने ट्वीट कर कहा, 'आप सभी की दुआओं और हिमायत के लिए शुक्रिया. मैं आपके कॉल और पैगाम का जवाब न दे सकने के लिए माफी चाहता हूं. मेरा फोन और दूसरा सामान अभी भी एटीएस के पास है. मैं डुप्लिकेट सिम कार्ड के ज़रिए से इन प्लेटफार्मों तक पहुंच हासिल करने में अहल हूं.'
शरजील ने इस ट्वीट में एक लेटर करते हुए पोस्ट किया है जिसमें एक बार फिर से मुस्लिम आबादी को हुकूमत और CAA के खिलाफ भड़काने की कोशिश की गई है. ट्वीट के आखिरी पन्ने में उन्होंने लिखा है कि आज से पचास साल बाद अगर हमारी तारीख को सही ढंग से लिखा जाए तो हम अपने तबकों के दो लोगों को पाएंगे. बुरे लोग और अच्छे लोग. बुरे लोग वे होंगे जो हमारे इस्तेहसाल (उत्पीड़न) के दौरान चुप रहे. अच्छे लोग वे होंगे जो उत्पीड़न के लिए इंतजार करते थे, केवल खाली नारे, रंगीन पोस्टर और मुस्तकिल तौर पर उबाऊ हैशटैग के साथ इसकी मज़म्मत करते थे. अब से पचास साल बाद, लोग मेरे जैसे अच्छे लोगों से भी बहुत खुश नहीं होंगे.
Thank you all for all your prayers and support. I apologise for being able to answer to your calls and messages. My phone and other belongings are still with the ATS. It is only now that I have been able to get access to these platforms via duplicate sim card. pic.twitter.com/pRX974OUVM
— Sharjeel Usmani (@SharjeelUsmani) September 15, 2020
शरजील ने आगे लिखा कि मैं आपसे इंतज़ार करने की गुज़ारिश आग्रह करता हूं. मैं आपसे इस लड़ाई में शामिल होने की गुज़ारिश करता हूं. मैं आपसे गुज़ारिश करता हूं कि आप इस हुकूमत और उसके हिमायतियों के सामने सैकड़ों या हजारों की तादाद में इजतेमाई (सामूहिक) गिरफ्तारी और इजतेमाई कत्ल का मुतबादल (विकल्प) चुनें, जो हकीकत में लड़ने के लिए तैयार हैं. शरजील ने आगे लिखा कि यह जुल्म जल्द खत्म नहीं होने वाला है. एक मुनासिब समाज के वजूद के लिए हिंदुत्व को हराया जाना चाहिए.
बता दें सीएए मुखालिफ मुज़ाहिरों में गिरफ्तार AMU के साबिक तालिबे इल्म नेता शरजील उस्मानी को इसी महीने ज़मानत पर रिहा किया गया है. एएमयू के एक सीनियर टीचर के बेटे उस्मानी को पिछली 10 जुलाई को आजमगढ़ जिले में गिरफ्तार किया था. उस्मानी को पिछले साल दिसंबर में एएमयू में सीएए मुखालिफ मुज़ाहिरों के मामले में गिरफ्तार किया था. पुलिस ने उस्मानी पर एएमयू में हुए सीएए मुखालिफ आंदोलन का योजनाकार बताया था.
Zee Salaam LIVE TV