पिता से विरासत में मिला है रावत को तजुर्बा और बहादुरी, यहां देखिए CDS का पूरा सफर
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पिता से विरासत में मिला है रावत को तजुर्बा और बहादुरी, यहां देखिए CDS का पूरा सफर

उनके पिता भी इस यूनिट का कभी हिस्सा थे. पिता का वर्षों पुराना तजुर्बा जनरल विपिन रावत को विरासत में मिला जो कि आगे जंग में काम आया. 

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नई दिल्ली: चीफ डिफेंस ऑफ़ स्टाफ (CDS) विपिन रावत का जन्म उत्तराखंड के पौरी गढ़वाल जिले में हुआ. सेना में उनकी शुरूआत धारदार रही है. फ़ौज में रहने के लम्बे वक़्फ़े के दौरान जनरल रावत को सेना के प्रमुख सम्मानों से नवाजा जा चुका है. जनरल रावत पहली बार मिजोरम में 16 दिसंबर 1978 को 11वीं गोरखा रायफल की 5वीं बटालियन में कमीशन पर शामिल हुए थे.

पिता से विरासत में मिला तजुर्बा और बहादुरी
उनके पिता भी इस यूनिट का कभी हिस्सा थे. पिता का वर्षों पुराना तजुर्बा जनरल विपिन रावत को विरासत में मिला जो कि आगे जंग में काम आया. भारत-चीन युद्ध के दौरान जनरल रावत ने मोर्चा संभाला. इस दौरान उन्होंने नेफा (नार्थ ईस्ट फ्रॉन्टियर एजेंसी) बटालियन की कमान संभाली. इसके अलावा उन्होंने कांगो में संयुक्त राष्ट्र की पीसकीपिंग फोर्स की भी अगुवाई की. 

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1 सितंबर 2016 को सेना के उप-प्रमुख का पद संभाला और 31 दिसंबर 2016 को सेना चीफ का पद पर काबिज हुए. उनकी कार्य कुशलता और बॉर्डर इलाकों में तजुर्बे की दक्षता को देखते हुए भारत सरकार ने जनरल रावत को 1 जनवरी 2020 तीनों सेना का प्रमुख यानी चीफ डिफेन्स ऑफ़ स्टाफ (सीडीएस) बनाया.

साल 1962 में चीन से जंग के दौरान जनरल रावत ने बहादुरी का परिचय देते हुए मैकमोहन रेखा पर गतिरोध को लेकर पहले टकराव में चीनी सेना से लोहा लिया और बहादुरी से उन्हें रोके रखा. बतौर मेजर उन्होंने जम्मू-कश्मीर जैसे अशांत इलाके में शांति कायम करने के लिए एक कंपनी की कमान संभाली. जबकि उन्हें कर्नल के तौर पर जिम्मेदारी सौंपी गई तो किबुधू में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के अलावा पूर्वी सेक्टर पर पांचवीं बटालियन 11 गोरखा राइफल्स की कमान संभाली.

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सेना में रहते हुए उन्हें अब तक परम विशिष्ट सेवा पदक, उत्तम युद्ध सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक, युद्ध सेवा पदक, सेना पदक, विशिष्ट सेवा पदक से भी नवाजा गया.

बिपिन रावत की पढ़ाई (Education OF Bipin Rawat)
बिपिन रावत (Bipin Rawat) की शुरुआती पढ़ाई देहरादून में, कैंब्रियन हॉल स्कूल, शिमला में सैंट एडवर्ड स्कूल और भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून में हुई. उन्होंने भारतीय सैन्य अकादमी से स्नातक उपाधि हासिल की है. उन्हें आई एमए देहरादून में इन्हें “शोर्ड ऑफ़ ऑनरश” से सम्मानित किया गया था. देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से रक्षा एवं प्रबन्ध अध्ययन में एम फिल की डिग्री और मद्रास विश्वविद्यालय से स्ट्रैटेजिक और डिफेंस स्टडीज में भी एम फिल की डिग्री हासिल की. इसके अलावा जनरल  विपिन रावत ने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से  साल 2011 में सैन्य मीडिया अध्ययन में पीएचडी किया.

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