तीस्ता सीतलवाड़ और श्रनिवास की जमानत के मामले में कोर्ट अपना फैसला सुना सकती है. उन्हें गुजरात दंगों के बाद बेगुनाह लोगों को फंसाने के लिए गिरफ्तार किया गया है.
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नई दिल्ली: गुजरात की एक अदालत आज तीस्ता सीतलवाड़ और पुलिस महानिदेशक (DGP) आरबी श्रीकुमार की जमानत के मामले में अपना फैसला सुनाएगी. बीते कल यानी मंगलवार को अदालत ने दोनों लोगों की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए अपना फैसला 28 जुलाई तक के लिए टाल दिया था.
तीसता सीतलवाड़ और श्रीकुमार पर साल 2002 में हुए दंगे के मामले में झूठे सबूत तैयार करने और बेगुनाह लोगों को फंसाने की कोशश करने के आरोप में जेल में हैं. आदातल ने पिछले हफ्ते दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
तीस्ता सीतलवाड़, श्रीकुमार और संजीव भट्ट को अहमदाबाद की अपराध शाखा ने धोखा देने के लिए फर्जीवाड़ और किसी को मौत की सजा दिलाने के लिए झूठे सबूत देने जैसे मामलों में पिछले महीने गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में विशेष जांच टीम (SIT) जांट कर रही है. SIT ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि सीतलवाड़, श्रीकुमार और कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने उस वक्त के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को अस्थिर करने के लिए साजिश में हिस्सेदार थे.
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SIT के आरोप हैं कि साल 2002 में गोधरा कांड के गुजरात में हुए दंगे के बाद अहमत पटेल ने सीतलवाड़ को 30 लाख रुपये मिले थे. SIT ने कोर्ट को बताया था कि श्रीकुमार ने "पूरे गुजरात राज्य के निर्वाचित प्रतिनिधियों, नौकरशाही, पुलिस प्रशासन को गुप्त उद्देश्य हेतु बदनाम करने के लिए प्रक्रिया का गलत इस्तेमाल किया था." हालांकि सीतलवाड़ और श्रीनिवास ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों ने इनकार किया है.
ख्याल रहे कि पिछले महीने जकिया जाफरी ने याचिका सुप्रीम कोर्ट से खारिज होने के बाद सीतलवाड़, श्रीकुमार और भट्ट के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी.
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