Truck Driver Strike: ट्रक-टैंकरों के पहिए थमने से सबसे ज्यादा किल्लत देशभर में पेट्रोल-डीजल की हो रही है. देश में कई जगहों पर पेट्रोल पंप ड्राई हो रहे हैं और जो नहीं हुए हैं वो होने वाले हैं.
Trending Photos
Truck Driver Strike: केंद्र सरकार के जरिए लाए गए ''हिट एंड रन'' के नए कानून के विरोध में ट्रक-टैंकर ड्राइवरों का बिहार, झारखंड, ओडिशा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पंजाब और दिल्ली समेत कई दूसरे राज्यों में हड़ताल जारी है. नए कानून को लेकर ड्राइवरों में सरकार के खिलाफ भारी गुस्सा है. सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करते हुए ड्राइवरों ने ट्रक-टैंकरों को रोड़ पर खड़ा कर दिया है.
ऐसे में कई चीजों की सप्लाई बेहद प्रभावित हो रही है और आम लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है. ट्रक-टैंकरों के पहिए थमने से सबसे ज्यादा किल्लत देशभर में पेट्रोल-डीजल की हो रही है. देश में कई जगहों पर पेट्रोल पंप ड्राई हो रहे हैं और जो नहीं हुए हैं वो होने वाले हैं.
इन चीजों को हो सकती है किल्लत
आलम यह है कि, पेट्रोल-डीजल खत्म होने की जानकारी मिलने पर लोग पेट्रोल पंपों पर दौड़ गए हैं. देश के विभिन्न पेट्रोल पंप इस वक्त वाहनों की लंबी-लंबी कतारों से भरे पड़े हैं. पेट्रोल-डीजल खत्म होने के डर से लोगों में अफरा-तफरा देखी जा रही है. ट्रक ड्राइवरों के हड़ताल का असर सीधे आम आदमी पर पड़ रहा है. हड़ताल की वजह से रसोई गैस, पेट्रोल-डीजल, दवाईयां और खाद्यान्न जैसी आवश्यक समानों की किल्लत हो सकती है.
खुले में बिक रही है धड़ले से पेट्रोल
पेट्रोल-डीजल खत्म होने के बाद पेट्रोल पंप पर नोटिस लगा दिए गए हैं. पंचकूला के सेक्टर 2 पेट्रोल पंप पर खुले में पेट्रोल धड़ले से बचा जा रहा है. जानकारी के मुताबिक, लोग 20-20 लीटर के कैन में पेट्रोल डलवा रहे है. पेट्रोल पंप पर काम करने वाली गाड़ियों में पेट्रोल कम खुले में बेंच रहे हैं.
बिहार के मोतिहारी में दिखा असर
वहीं बिहार के मोतिहारी में भी बस और ट्रक चालकों के हड़ताल का असर देखने को मिल रहा है. सरकारी और प्राइवेट बस हो या ट्रक सभी का परिचालन ठप है. छतौनी बस स्टैंड में बस खड़ी कर ड्राइवर सरकार के नए कानून के खिलाफ नारेबाजी कर रहे है. बसों का परिचालन ठप्प रहने से मुसाफिरों को भी काफी परेशानी हो रही है. ट्रक ड्राइवर नए कानून को वापस करने की मांग कर रहे हैं.
पहले क्या था कानून?
हिट एंड रन मामले को IPC की धारा 279 (लापरवाही से वाहन चलाना), 304A (लापरवाही के कारण मौत) और 338 (जान जोखिम में डालना) के तहत मुकदमा दर्ज किया जाता है. इसमें 2 साल की सजा का प्रावधान है. विशेष केस में IPC की धारा 302 भी जोड़ दी जाती है.
संशोधन के बाद कानून?
अब संशोधन के बाद सेक्शन 104 (2) के तहत हिट एंड रन की घटना के बाद अगा कोई मुल्जिम घटनास्थल से भाग जाता है या पुलिस या मजिस्ट्रेट को सूचित नहीं करता है, तो उसे दस साल तक की सजा भुगतनी होगी और जुर्माना देना होगा.