डिजिटल पेंमेंट में खतरे भी कम नहीं हैं. हैकर्स अक्सर डिजिटल पेमेंट में सेंधमारी कर आपके पैसे उड़ा देता है. सरकार ने कहा था कि डिजिटल पेमेंट को और ज्यादा महफूज और फुलप्रूफ बनाया जाएगा ताकि अवाम की खून-पसीने की कमाई को हैकर्स के जरिए लुटने से बचाया जा सके.
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नई दिल्लीः मोदी हुकूमत के डिजिटल इंडिया मुहिम की शुरूआत के बाद से मुल्क में कैश पेमेंट के बजाय डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा दिया जा रहा है. अभी ज्यादातर लेन-देन डिजिटल ऐप या ऑनलाइन बैंक ट्रांसफर के जरिए किए जा रहे हैं. हालांकि इस डिजिटल पेंमेंट में खतरे भी कम नहीं हैं. हैकर्स अक्सर डिजिटल पेमेंट में सेंधमारी कर आपके पैसे उड़ा देता है. सरकार ने इन खतरों के मद्देनजर दावा किया था कि डिजिटल पेमेंट को और ज्यादा महफूज और फुलप्रूफ बनाया जाएगा ताकि अवाम की खून-पसीने की कमाई को हैकर्स के जरिए लुटने से बचाया जा सके. इस कड़ी में गृह मंत्रालय ने जुमेरात को अवाम के लिए एक हेल्पलाइन नम्बर जारी किया.
Reinforcing the commitment of the Government to provide safe and secure digital payments eco-system, Union Home Ministry has operationalized the national Helpline 155260 and Reporting Platform for preventing financial loss due to cyber fraud 1/2https://t.co/Cjyn5j35Tz
— PIB India (@PIB_India) June 17, 2021
155260 पर करें साइबर फ्रॉड की शिकायत
गृह मंत्रालय ने जुमेरात को एक नेशनल हेल्पलाइन नंबर 155260 जारी किया है. यह सिर्फ एक हेल्पलाइन नंबर ही नहीं बल्कि एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जहां आप अपने साथ हुए किसी भी तरह के साइबर फ्रॉड या चिटिंग की शिकायत दर्ज करा सकते हैं. यह नंमबर 24 घंटे काम करेगा और कोई भी शख्स कभी भी इस हेल्पलाइन नंबर पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है. शिकायत में अपने साथ हुए घटना का ब्यौरा दर्ज करा सकता है. शिकायत के बाद इसपर साइबर अपराध शाखा के जरिए कार्रवाई की जाएगी. हालांकि जुमे को ही कई लोगों ने शिकायत की है कि साइबर क्राइम के लिए जारी किए जाने वाले इस हेल्पलाइन नंबर पर फोन नहीं लगा रहा है.
ओटीपी और अपना पासवर्ड किसी से शेयर न करें
साइबर और डिजिटल फ्रॉड से बचने के लिए सरकार ने खास तौर पर हिदायत दी है कि किसी भी गुमनाम नंबर से आने वाले कॉलर को डिजिटल लेने -देन में इस्तेमाल होने वाले ओटीपी नंबर शेयर न करें. यहां तक कि बैंक के नाम पर आने वाले किसी कॉल पर भी अपने ओटीपी या अपने एटीएम वगैरह का पासवर्ड न बताएं. लगातार बैंक भी इस तरह के मैसेज अपने कस्टमर्स को भेजते हैं ताकि उन्हें डिजिटल फ्रॉड से बचाया और खबरदार किया जा सके.
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