बढ़ते कोरोना मामलों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार किसी भी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है.
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नई दिल्ली: मरकज़ी हुकूमत ने शनिवार को सभी रियासतों और मरकज़ के ज़ेरे इंतज़ाम इलाकों को यह यकीनी बनाने के लिए कहा कि आगामी त्योहारी सीजन के दौरान कोई बड़ी भीड़ जमा न हो और जरूरत पड़ने पर कोरोना वायरस के फैसाव को रोकने के लिए मकामी तौर पर पाबंदी लगाने को भी कहा.
यूनियन होम सेक्रेटरी अजय भल्ला ने जारी कोविड-19 की हिदायात को एक और महीने के लिए 30 सितंबर तक बढ़ाते हुए कहा कि कुछ रियासतों में दिख रहे मकामी फैलाव को छोड़कर, आलमी महामारी की पूरी सूरते हाल अब कौमी सतह पर काफी हद तक मुसतहकम दिखती है.
उन्होंने सभी रियासतों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे गए एक जैसे पत्रों में कहा कि कुछ जिलों में ज़ेरे इलाज मरीजों की तादाद और उच्च संक्रमण दर चिंता का विषय बनी हुई है. पत्र में उन्होंने कहा, 'संबंधित राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासनों को, अपने जिलों में ज्यादाद इंफेक्शन दर को देखते हुए, मुतहर्रीक तौर से रोकथाम के उपाय करने चाहिए ताकि मामलों में कोरोना के फैलाव को ठीक ढंग से रोका जा सके.
उन्होंने कहा, 'मुमकिना इज़ाफे की चेतावनी के संकेतों को जल्दी पहचानना और प्रसार को रोकने के लिए मुनासिब उपाय करना अहम है. इसके लिए मकामी एतबार से पाबंदी की ज़रूरत होगी, जैसा कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की 25 अप्रैल और 28 जून की सलाह में जिक्र किया गया है.'
गृह सचिव ने उन्हें आगामी त्योहारों के सीजन में बड़ी सभाओं से बचने के लिए उपयुक्त उपाय करने की सलाह दी और यदि आवश्यक हो, तो ऐसी सभाओं को रोकने के लिए स्थानीय प्रतिबंध लागू करें.
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उन्होंने कहा कि सभी भीड़-भाड़ वाले जगहों पर कोविड से मुअल्लिक मुनासिब तरीके कार को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए. सेक्रेटरी ने कहा कि कोविड-19 के प्रभावी प्रबंधन के लिए पांच-स्तरीय रणनीति - जांच-संक्रमितों के संपर्कों की पहचान-उपचार-टीकाकरण और कोविड उपयुक्त व्यवहार के पालन पर ध्यान दिए रहने की ज़रूरत है.
(इनपुट- भाषा के साथ)
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