क्या होती है Hybrid Car, क्या इसे ख़रीदना है फ़ायदे का सौदा?
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क्या होती है Hybrid Car, क्या इसे ख़रीदना है फ़ायदे का सौदा?

क्या आप जानते हैं कि हाईब्रिड कार (Hybrid Car) क्या होती है... ये कैसे काम करती है और क्या अपने मुल्क में हाईब्रिड कार ख़रीदना और उसे चलाना फ़ायदे का सौदा है? अगर आपके मन में ऐसे ही तमाम सवाल हैं तो हम देंगे इन सवालों के जवाब. 

क्या होती है Hybrid Car, क्या इसे ख़रीदना है फ़ायदे का सौदा?

नई दिल्ली/आसिफ़ शेख़: भारत में मौजूदा वक्त में कारें चार तरह के ईंधन (FUEL) पर चलती हैं. इसमें ज़्यादातर कार पेट्रोल और डीज़ल को ईंधन के तौर पर इस्तेमाल करती हैं। जबकि कुछ कारें CNG (Compressed Natural Gas) और पेट्रोल को ईंधन के तौर पर इस्तेमाल करती हैं. इसके साथ ही अब EV (Electric vehicle) भी देश में तेज़ी से मशहूर हो रही हैं. पिछली बार हमने आपको EV के बारे में विस्तार से जानकारी दी थी. अगर आप EV के बारे में सबकुछ जानना चाहते हैं तो आप यहां अपने सवालों के जवाब पा सकते हैं. इसके अलावा चौथी तरह की कारें वो हैं जो किसी एक लिक्विड फ्यूल के साथ electric power से चलती हैं.

क्या होती है Hybrid Car?
जैसा की नाम से ही ज़ाहिर हो रहा है Hybrid का मतलब ही होता है दो चीज़ों को मिलाकर बनाया गया. कार के मामले में Hybrid का मतलब होता है दो तरह के ईंधन से चलने वाली कार. अब सवाल ये है कि hybrid कार में किस तरह का ईंधन इस्तेमाल किया जाता है तो जवाब ये है कि भारत में अभी जो हाइब्रिड कारें मौजूद हैं वो लिक्विड फ़्यूल के तौर पर पेट्रोल का इस्तेमाल करती हैं मगर साथ ही इस तरह की कार में इलेक्ट्रिक मोटर फ़िट होती है जैसे किसी EV में. यानी इन गाड़ियों को पेट्रोल या इलेक्ट्रिक दोनों मोड पर चलाया जा सकता है.

देश में ये है मौजूदा हाइब्रिड कारें
अगर आप हाइब्रिड कार ख़रीदने का मन बना चुके हैं या बनाना चाहते हैं तो आपके पास कुल 9 गाड़ियों का विकल्प है. MG(Morris Garages), टोयोटा, BMW, LEXUS और पोर्श जैसी कार निर्माता कारें भारत में हाइब्रिड कारों की बिक्री कर रही हैं. इन सब कारों की खास बात ये है कि ये कारें पेट्रोल पर तो चलती ही हैं इसके साथ ही इन कारों के अंदर इलेक्ट्रिक मोटर भी फिट होती हैं जैसे कि किसी EV में. सबसे सस्ती कार की बात करें तो देश में सबसे सस्ती हाइब्रिड कार है MG की हैक्टर Style 1.5 Petrol Turbo MT. दिल्ली में इस कार का EX. Showroom price 13 लाख 17 हज़ार रुपये है. मगर RTO इंश्योरेंस वगैरह मिलाकर ये कार ऑन रोड 15 लाख 15 हज़ार रुपये की मिल जाती है. इसके अलावा हैक्टर प्लस की हाइब्रिड कार, टोयोटा की कैमरे और लैक्सस की ES जैसी कारें भी हाइब्रिड कैटेगरी में मौजूद हैं. इसके अलावा लक्ज़री सेगमेंट में पोर्श, BMW जैसी कारें भी मौजूद हैं.

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क्या हाइब्रिड कारों में होता है डीज़ल का इस्तेमाल?
तकनीक और इंजीनियरिंग के इस युग में किसी भी तरह का इंजन बनाया जा सकता है. दुनिया में कुछ ऐसी कारें भी मौजूद हैं जो डीज़ल के साथ EV भी होती हैं। मगर भारत में अभी डीज़ल+EV ऑप्शन मौजूद नहीं है. हो सकता है कि आने वाले कुछ सालों में ये ऑप्शन भी ग्राहकों को मिल सके.

कैसे काम करती है हाइब्रिड कारें?
हाइब्रिड कारों में दो तरह का फ़्यूल इस्तेमाल होता है एक तो पेट्रोल इंजन होता ही है साथ ही इलेक्ट्रिक मोटर भी फिट होती है. यानी आपकी कार की जितनी बैट्री चार्ज है उससे तो आप कार चला ही सकते हैं इसके बाद आप पेट्रोल से भी गाड़ी चला सकते हैं. खास बात ये है कि इस कार में केवल पेट्रोल की तुलना में रनिंग कॉस्ट(कार चलाने का खर्च) कम हो जाता है क्योंकि कार मोटर से भी चलती है.

क्या EV की ही तरह चार्ज होती हैं Hybrid Cars?
ये सवाल कई लोगों के मन में रहता है, तो इस सवाल का जवाब ये है कि hybrid कारों को चार्ज करने की ज़रूरत नहीं पड़ती क्योंकि कार में लगी बैट्री पेट्रोल पर चल रही कार की गति का इस्तेमाल कर खुद ब खुद चार्ज होती रहती हैं और इसी चार्ज्ड बैटरी से आप कार को चला सकते हैं यानी आम के आम और गुठलियों के दाम...

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क्या  Hybrid कारें हैं फ़ायदे का सौदा?
इस सवाल पर एक्स्पर्ट्स और लोगों की राय बंटी-बंटी सी है। ये बात सच है कि सिर्फ पेट्रोल पर चलने वाली कारों की तुलना में ये कारें कम रनिंग कॉस्ट का फायदा देती है दूसरा फायदा ये है कि तो तरह के फ़्यूल की वजह से कार की ड्राइविंग रेंज बढ़ जाती है। तीसरा फ़ायदा ये है कि जब कार बैटरी पर चलती है तो प्रदूषण नहीं करती जिससे पर्यावरण को नुकसान नहीं होता। चौथा फ़ायदा ये है कि EV कारों की तरह आपको ड्राइविंग रेंज और चार्जिंग की चिंता करने की ज़रूरत नहीं है. मगर कुछ लोगों का कहना है कि इस कार पर मेंटेनेंस कॉस्ट थोड़ा बढ़ जाता है। साथ ही ये कारें EV की ही तरह बाकी कारों से थोड़ा महंगी होती हैं। तो अब फ़ैसला आपको करना है कि क्या आप भी नए ज़माने की नई तकनीक अपनाना चाहते हैं या फिर पेट्रोल और डीज़ल कारों पर ही भरोसा जताना चाहते हैं.

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