लखनऊ/अहमर हुसैन: ईद उल अजहा यानी कि बकरीद में अब कुछ ही रोज़ बाक़ी है. बकरीद से पहले खरीदारों ने बकरों कि खरीदारी शुरू कर दी है. इसी पस-ए-मंज़र में एक बकरा नवाबों के शहर लखनऊ में इन दिनों सुर्खियों का सबब बना हुआ है, क्योंकि नवाबों के शहर में पला बढ़ा बकरों का "राजा" सिर्फ नाम से ही राजा नहीं है बल्कि इनके नाज़ नखरे भी राजाओं वाले हैं. इस बकरे के जो भी नाज़ नख़रे सुनता है हैरत में पड़ जाता है.


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एक कुंतल से ज़्यादा है राजा का वज़न 
इस बकरे की वजन एक कुंतल से ज़्यादा है और लंबाई में आम बकरों के मुकाबले से ज्यादा लंबा. यह राजा नाम का बकरा दिखने में बेहद खूबसूरत हैं. हालिया दिनों इस बकरे को दूर दराज़ से लोग देखने आ रहे हैं और मुह मांगी क़ीमत लगा रहे हैं.


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इंसानों से बढ़कर है इस बकरे के नख़रे
राजा नाम के इस बकरे के मालिक मोहम्मद इक़बाल के मुताबिक़ इस बकरे पर रोज़ाना एक हज़ार से ज़्यादा का खर्चा होता है, यानी महीने का तक़रीबन 30 हज़ार रुपया जो एक मिडिल क्लास आदमी के महीने के खर्चे से भी ज़्यादा है. इनका नाम भी सिर्फ राजा नही है इनका रहन सहन भी राजाओं महाराजों वाला है. यह महाशय आम बकरो की तरह सिर्फ पत्ते नहीं खाते बल्कि इनको सुबह शाम बादाम,काजू,वाले मेवे पसंद है. यही नही इनको रात में सोने के लिए ज़मीन पसन्द नही है बल्कि कूलर और ac में पलंग चाहिए होता है,वरना यह रात भर सोता नहीं है.


बकरे को मालिक नही बेचना चाहते
इस बकरे के मालिक इस बकरे को बेचना नही चाहते हैं जबकि इस बकरे की क़ीमत बाजार में लाखों में लगाई जा चुकी है. राजा नाम के इस ख़ास बकरे के मालिक का कहना है के राजा के कोई दूसरा शक़्स न जाने नाज़ नख़रे उठा पायेगा या नही बस यही सोच कर वह राजा को अपने पास ही रखना चाहते हैं. लेकिन बक़रीद के त्योहार में बचपन से पाल पोस कर नाज़ों से पाले इस बकरे को वह दिल पर पत्थर रख कर अल्लहा की राह में क़ुर्बान करना चाहते हैं.


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21 जुलाई को मनाया जाएगा त्योहार
भारत में बक़रीद का त्योहार इस बार 21 जुलाई को मनाया जाएगा. बक़रीद को कुर्बानी का त्योहार भी कहा जाता है. इस दिन मुसलमान महंगे से महंगा बकरा खरीद कर कुर्बानी करते हैं, जिसका हिस्सा गरीबों और जरूरतमंदों को दिया जाता है. मुल्क में बकरीद के मौके पर बड़ा कारोबार होता है. गांव, देहात से किसान और व्यापारी बकरे लेकर मंडियों में बेचने आते हैं जिससे उनको अच्छा मुनाफा हासिल होता है.


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