एक अधिकारी ने कहा, “वर्तमान आकाश प्रणाली की तुलना में ‘आकाश प्राइम’ में सटीकता के लिए आर एफ का पता लगाने की स्वदेशी तकनीक लगी है.
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नई दिल्लीः ओडिशा के चांदीपुर (Chandipur) से सोमवार को आकाश मिसाइल के एक नए संस्करण का कामयाब परीक्षण किया गया. अधिकारियों ने बताया कि ‘आकाश प्राइम’ (AKASH PRIME) नामक मिसाइल ने अपनी पहली परीक्षण उड़ान में दुश्मन के विमान की नकल के रूप में एक मानवरहित हवाई लक्ष्य को सटीकता से भेदा. यह परीक्षण शाम साढ़े चार बजे किया गया. एक अधिकारी ने कहा, “वर्तमान आकाश प्रणाली की तुलना में ‘आकाश प्राइम’ में सटीकता के लिए आर एफ का पता लगाने की स्वदेशी तकनीक लगी है.
अन्य सुधार के चलते भी ऊंचाई पर कम तापमान वाले वातावरण में यह भरोसेमंद प्रदर्शन कर सकती है.” इसके रडार, EOTS, टेलीमेट्री स्टेशन, मिसाइल ट्रैजेक्टरी और फ्लाइट पैरामीटर्स में भी सुधार किया गया है. आकाश मिसाइल को डीआरडीओ के हैदराबाद स्थित प्रयोगशाला ने अनुसंधान संगठन की अन्य शाखाओं के साथ मिलकर विकसित किया है. मिसाइल की उड़ान से जुड़े आंकड़े रिकॉर्ड रखने के लिए आईटीआर (ITR) ने कई निगरानी प्रणाली, जैसे एलेक्ट्रो-ऑप्टिकल ट्रैकिंग प्रणाली, राडार और टेलीमेट्री का उपयोग किया.
#WATCH | A new version of Akash Missile – ‘Akash Prime’ successfully tested from Integrated Test Range (ITR), Chandipur, Odisha today. It intercepted & destroyed an unmanned aerial target mimicking enemy aircrafts, in its maiden flight test after improvements
Video source: DRDO pic.twitter.com/Mx1RPBIKla
— ANI (@ANI) September 27, 2021
भारतीय वायु सेना का मनोबल और ऊँचा होगाः जी. सतीश रेड्डी
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO), भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना और अन्य हितधारकों को ‘आकाश प्राइम’ के सफलतापूर्वक परीक्षण के लिए बधाई दी है. उन्होंने कहा कि सफल परीक्षण से यह सिद्ध होता है कि डीआरडीओ विश्व स्तरीय मिसाइल प्रणाली का विकास करने में सक्षम है. डीआरडीओ के अध्यक्ष जी. सतीश रेड्डी ने भी मिसाइल का परीक्षण करने वाली टीम को बधाई दी. उन्होंने कहा कि ‘आकाश प्राइम’ प्रणाली से भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना का मनोबल और ऊँचा होगा.
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