मुस्लिम समुदाय के लोगों ने इस पहल में हमें बहुत जरूरी सहयोग दिया और वे खुद भी मंदिर की सफाई के लिए आगे आए. उन्होंने आगे कहा कि हमारे मुसलमान भाई और बहन खुद पूजा का सामान लाए.
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श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद यहां के माहौल में काफी बदलाव नजर आने लगा है. यहां के स्थानीय लोगों में भी गजब का परिवर्तन देखने को मिल रहा है. श्रीनगर (Srinagar) के मुस्लिम समुदाय (Muslim Community) के लोगों ने 31 साल बाद जिले के हब्बा कदल इलाके में मौजूद शीतल नाथ मंदिर (Shital Nath temple) को खोलने में मदद की. मंदिर के साफ-सफाई में यह समुदाय खुद से आगे आया. बसंत पंचमी के मौके पर शीतल नाथ भैरव मंदिर में श्रद्धालुओं ने 31 वर्ष बाद पूजा की.
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बसंत पंचमी के दिन पूजा का है विशेष महत्व
सरस्वती पूजा के दिन ही बाबा शीतल नाथ भैरव की जयंती मनाई जाती है. इस खास मौके पर श्रीनगर में स्थित शीतल नाथ मंदिर में भक्त पूजा का विशेष महत्व होता है. साल 1989 में जम्मू कश्मीर में बिगड़े हालात और हिंदुओं के पलायन के बाद से ही यह मंदिर बंद पड़ा था. मंगलवार को बसंत पंचमी के दिन इस मंदिर को 31 साल बाद फिर से खोला गया. मुस्लिम समुदाय के लोगों ने इस मंदिर में साफ सफाई की और भाई चारे का संदेश दिया.
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"मुस्लिम भाईयों ने मंदिर की साफ-सफाई में की मदद"
शीतल नाथ मंदिर में पूजा कराने वालों में से एक रविंदर राजदान ने कहा कि मुस्लिम समुदाय के लोगों ने इस पहल में हमें बहुत जरूरी सहयोग दिया और वे खुद भी मंदिर की सफाई के लिए आगे आए. उन्होंने आगे कहा कि हमारे मुसलमान भाई और बहन खुद पूजा का सामान लाए. बता दें कि 5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35 ए के खात्मे के बाद आतंकवादी वारदातों और पत्थरबाजी की घटनाओं में काफी कमी आई है.
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