Karnataka Assembly Election: कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए थम गया प्रचार का शोर; 10 मई को होगी वोटिंग
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Karnataka Assembly Election: कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए थम गया प्रचार का शोर; 10 मई को होगी वोटिंग

Karnataka Assembly Election News: कर्नाटक में असेंबली इलेक्शन के लिए चुनाव प्रचार का शोर थम गया है. राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए 10 मई को वोट डाले जाएंगे, जबकि 13 मई को मतगणना होगी.

Karnataka Assembly Election: कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए थम गया प्रचार का शोर; 10 मई को होगी वोटिंग

Karnataka Assembly Campaign Ends: कर्नाटक में 10 मई को होने वाले असेंबली इलेक्शन के लिए चुनाव प्रचार सोमवार की शाम को थम गया. कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के लिए 10 मई को वोटिंग होगी जबकि 13 मई को नतीजों का ऐलान किया जाएगा. इलेक्शन कैंपेन के आखिरी दिन गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कर्नाटक के सभी इलाकों का मैंने दौरा किया. उन्होंने कहा कि कर्नाटक में बीजेपी को पूर्ण बहुमत हासिल होगा और एक बार फिर रियासत के अवाम बीजेपी को चुनेंगे. 

सभी पार्टियों ने झोंकी ताकत
इससे पहले तमाम सियासी पार्टियों ने चुनाव प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी. रियासत की तीन अहम राजनीतिक दलों बीजेपी, कांग्रेस और जेडीएस ने वोटर्स को अपनी ओर खींचने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया. इन सभी पार्टियों के सीनियर लीडर्स पिछले कई दिनों से राज्य के अलग-अलग हिस्सों में डेरा जमाए हुए थे. राज्य की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी दक्षिण भारत में अपने किले को बचाने की कोशिश में लगी हुई है. वहीं, बीजेपी से हुकूमत छीनने के लिए कांग्रेस सख्त मेहनत कर रही है और 2024 के लोकसभा इलेक्शन के लिए अपोजिशन के तौर पर अपनी स्थिति को मजबूत करने की कोशिश कर रही है.

224 सीटों पर एक चरण में वोटिंग
पीएम मोदी ने 29 अप्रैल से अब तक तकरीबन 18 रैलियां और 6 रोड शो किए. बीजेपी के नेताओं को उम्मीद है कि पीएम मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा सहित पार्टी के अन्य नेताओं के तूफानी चुनाव प्रचार का उसे फायदा मिलेगा. वहीं, सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने भी चुनावी प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ी. बता दें कि कर्नाटक विधानसभा की 224 सीटों के लिए एक ही मरहले में 10 मई को वोट डाले जाएंगे.गौरतलब है कि भाजपा को 2008 और 2018 के विधानसभा चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के बावजूद कर्नाटक में अपने बलबूते सरकार बनाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा था. हालांकि, इस बार पार्टी कम से कम 150 सीट पर जीत हासिल करने का लक्ष्य रखा है.

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