इस शख्स ने दिल्ली को भीड़ से बचाया, जानें मेट्रो मैन के बारे में दिलचस्प बातें
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam1216787

इस शख्स ने दिल्ली को भीड़ से बचाया, जानें मेट्रो मैन के बारे में दिलचस्प बातें

E sreedharan birthday special: ई श्रीधरन अपने काम को वक्त पर पूरा करने के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने मेट्रो का काम वक्त पर पूरा करके दिल्ली को भारी भीड़ से बचा लिया.

E Sreedharan

E sreedharan birthday special: एम. एस. स्वामीनाथन को भारत के हरित क्रांति का जनक, सैम पित्रोदा को दूरसंचार क्रांति का जनक, अमूल डेयरी के संस्थापक डॉ वर्गीज कुरियन को श्वेत क्रांति का जनक कहा जाता हैं. ठीक वैसे ही ई.श्रीधरन को इंडियन मेट्रो प्रोजेक्ट का जनक कहा जाता है. जैसे मुंबई की लोकल ट्रेनें वहां की लाइफ लाइन कहीं जाती हैं, वैसे ही दिल्ली की मेट्रो सेवा कही जाती हैं. दिल्ली मेट्रो प्रोजेक्ट जैसी दुर्गम परियोजना को साकार करने वाले ई. श्रीधरन मेट्रो मैन के नाम से प्रसिद्ध हैं. वक्त के पाबंद, तयशुदा समयसीमा के भीतर अपने कार्य को पूरा करने और किसी भी राजनीतिक हस्तक्षेप को नापसंद करने वाले श्रीधरन अपने शर्तों के अनुसार काम करते हैं. यह ई.श्रीधरन की ही करामत है कि उन्होंने दिल्ली मेट्रो के बनने का काम तय समय सीमा पर पूरा किया और दिल्ली को भारी भीड़ से बचा लिया.

यही उनकी सफलता का राज है. दिल्ली मेट्रो प्रोजेक्ट समेत कई सफल परियोजनाओं को उन्होंने अपने दृढ़ इच्छाशक्ति की बदौलत आकार दिया. इस प्रोजेक्ट की सफलता के बाद इसी मॉडल पर देश के कई प्रमुख नगरों में मेट्रो प्रोजेक्ट परियोजना की शुरूआत की गई. आज पूरे देश में चल रही मेट्रो प्रोजेक्ट परियोजना को साकार करने के पीछे श्रीधरन की ही दूरदृष्टि हैं. लखनऊ से लेकर कोच्चि तक देश के कई शहरों में मेट्रो रेल नेटवर्क का खाका उन्हें उन्होंने ही तैयार किया हैं. ई. श्रीधरन ने दिल्ली मेट्रो के निर्माण एक निश्चित समय में करके दिल्ली की रूपरेखा बदल दी. एक निश्चित योजना के तहत इस कार्य को करके श्रीधरन ने भारत में चली आ रही परियोजनाओं के लेटलतीफी की परिपाटी को बदल दी. दिल्ली मेट्रो के बनते ही भारत के पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम के क्षेत्र में एक नई उम्मीद जग गयी.

आरंभिक जीवन 

ई श्रीधरन का जन्म 12 जून 1932 को केरल के पलक्कड़ जिले में हुआ था. उन्होंने आंध्र प्रदेश के काकिनाडा गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की. उसके बाद कोझीकोड के गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक कॉलेज में सिविल इंजीनियरिंग के व्याख्याता भी रहे. इसके बाद वह मुंबई पोर्ट ट्रस्ट में बतौर ट्रेनी भी जुड़े. 1953 में इंडियन इंजीनियरिंग सर्विसेज पास करने के बाद वह भारतीय रेलवे के साथ जुड़ गए.

उपलब्धियां

1964 में श्रीधरन चर्चा में तब आए, जब उन्होंने रामेश्वरम को शेष तमिलनाडु से आपस में जोड़ने वाले पम्बन पुल का पुर्ननिर्माण अपनी देखरेख में मात्र 46 दिनों में ही पूरा करवा दिया. जबकि इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए तीन महीने का लक्ष्य रखा गया था. 1970 में शुरू हुई, भारत की पहली मेट्रो रेल सेवा कोलकाता मेट्रो परियोजना में बतौर डिप्टी चीफ इंजीनियर जुड़ उन्होंने अपना बहुमूल्य योगदान दिया. उन्हें इसके योजना, प्रारूप और कार्यान्वयन में आम भूमिका अदा की. इसके बाद 1979 में उन्होंने कोचीन शिपयार्ड ज्वाइन की और 1981 में यहां बनने वाले पहले जहाज एम.वी रानी पद्मिनी को तैयार करने में बड़ी भूमिका निभाई. इसके बाद के बाद 1987 में वह पश्चिमी रेलवे में जनरल मैनेजर बन गए और 1989 में उन्हें रेलवे बोर्ड का सदस्य बना दिया गया. 1990 में उन्हें कोंकण रेलवे के चीफ मैनेजिंग डायरेक्टर का पद दिया गया. भारत की पहली सर्वाधिक आधुनिक रेलवे सेवा कोंकण रेलवे की सफलता के पीछे ई. श्रीधरन की ही सफल कार्य प्रणाली हैं. 760 किलोमीटर लंबे इस रूट में 93 सुरंगे और 150 से ज्यादा पुल बने हैं. इसके बाद वह 1997 में दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर बने. इसके बाद बतौर सलाहकार लखनऊ, जयपुर और कोच्चि मेट्रो में भी अपनी सेवाएं जारी रखीं.

राजनीतिक जीवन

पिछले केरल विधानसभा चुनाव में बीजेपी के पोस्टर बॉय बनकर उभरे श्रीधरन को स्थानीय नेतृत्व ने केरल के मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया. पर पलक्कड़ विधानसभा सीट कांग्रेस उम्मीदवार शफी परमबिल से हारने के बादउन्होंने सक्रिय राजनीति से संयास ले लिया.

यह भी पढ़ें: प्रयागराज में भड़की हिंसा, 64 लोगों को भेजा गया जेल, इन लोगों के घर पर चलेगा बुलडोजर

विवाद

वर्ष 2019 में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली मेट्रो और डीटीसी की बसों में महिलाओं को मुफ्त यात्रा की घोषणा की, तो श्रीधरन ने पत्र लिखते हुए आपत्ति दर्ज करायी थी.

पुरस्कार और सम्मान

भारत सरकार ने उन्हें 2001 में पद्मश्री और 2008 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया. 2008 में ही डॉ.वाई. नायदुम्मा मेमोरियल अवार्ड से भी सम्मानित किया गया. साल 2005 में फ्रांस सरकार ने उन्हें नाइट ऑफ द लीजन ऑफ द ऑनर से सम्मान दिया. 2013 में उन्हें जापान का राष्ट्रीय सम्मान आर्डर ऑफ द राइजिंग सन गोल्ड एंड सिल्वर स्टार से सम्मानित किया गया.

और अंत

चर्चित पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टी एन शेषन स्कूल और कॉलेज में इनके सहपाठी थे. वर्ष 2013 में टाइम पत्रिका ने श्रीधरन को एशिया की हीरो का खिताब दिया.

ए. निशांत
लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं.

Video: 

Trending news