लद्दाख के सांसद मोहम्मद हनीफा रिहा होते ही बीजेपी पर बोला बड़ा हमला, कहा- सोनम वांगचुक...
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लद्दाख के सांसद मोहम्मद हनीफा रिहा होते ही बीजेपी पर बोला बड़ा हमला, कहा- सोनम वांगचुक...

Ladakh MP Mohammad Hanifa: लद्दाख के लिए संवैधानिक सुरक्षा उपायों की मांग को लेकर लेह से दिल्ली तक मार्च करते समय वांगचुक और उनके समर्थकों को हिरासत में लिया गया था. 1 सितंबर को शुरू हुआ यह मार्च महात्मा गांधी की जयंती 2 अक्टूबर को राजघाट पर समाप्त होने वाला था

लद्दाख के सांसद मोहम्मद हनीफा रिहा होते ही बीजेपी पर बोला बड़ा हमला, कहा- सोनम वांगचुक...

Ladakh MP Mohammad Hanifa: लद्दाख के सांसद मोहम्मद हनीफा को दिल्ली पुलिस ने रिहा कर दिया है, सांसद ने इसकी तस्दीक की है. हालांकि, जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को हिरासत से रिहा होने के बाद पुलिस ने फिर से हिरासत में ले लिया है. एक दिन पहले ही सांसद और सोनम वांगचुक समेत लद्दाख के सौ से ज़्यादा प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया था. 

राजघाट जाएंगे लद्दाख के सांसद
हनीफा ने एएनआई से कहा कि आज हमारे कुछ नेताओं और मुझे रिहा कर दिया गया है. हमें होटलों में ले जाया जाएगा. उन्होंने उम्मीद जताई कि सोनम वांगचुक को भी जल्द ही रिहा कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि हमने अधिकारियों से बात की है, हमारे कुछ लोगों को रिहा किया गया है. हमें उम्मीद है कि सोनम वांगचुक को भी जल्द ही रिहा कर दिया जाएगा. उम्मीद है कि हम कल राजघाट जाएंगे.

लद्दाख सांसद ने क्या कहा?
लद्दाख के लिए संवैधानिक सुरक्षा उपायों की मांग को लेकर लेह से दिल्ली तक मार्च करते समय वांगचुक और उनके समर्थकों को हिरासत में लिया गया था. 1 सितंबर को शुरू हुआ यह मार्च महात्मा गांधी की जयंती 2 अक्टूबर को राजघाट पर समाप्त होने वाला था. हनीफा ने कहा कि हम गृह मंत्रालय के साथ बैठक करेंगे, जहां हम राजघाट जाने पर चर्चा करेंगे. हम गृह मंत्रालय से कुछ सकारात्मक की उम्मीद कर रहे हैं. हमें हिरासत में लिया गया और पुलिस गेस्ट हाउस में रखा गया. 

हिरासत के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर
उन्होंने आगे कहा कि सोनम वांगचुक की हिरासत बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. उनका मकसद साफ था. हम सोनम वांगचुक से मिलने जा रहे हैं और कई मामलों पर चर्चा करेंगे. वह कुछ महिला सदस्यों के साथ हड़ताल पर हैं. इस बीच, दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है, जिसमें वांगचुक की हिरासत को चुनौती दी गई है. याचिका में कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस के सदस्यों और गठबंधन से जुड़े दूसरे व्यक्तियों की रिहाई की मांग की गई है, जिन्हें सिंघू सीमा पर हिरासत में लिया गया था.

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