Lalu and Nitish meets Sonia Gandhi fo opposition Unity: सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद नीतीश कुमार ने कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष ने विपक्षी गठबंधन को लेकर सकारात्मक संकेत दिए हैं, कांग्रेस के चुनाव के बाद पार्टी विपक्षी दलों से इस मुद्दे पर बैठक कर आम राय बनाने का प्रयास करेगी.
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नई दिल्लीः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो और पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव ने इतवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की. लालू-नीतीश की सोनिया से मुलाकात को 2024 के आम चुनावों में भारतीय जनता पार्टी का मुकाबला करने के लिए विपक्षी दलों को एकजुट करने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है.
सोनिया गांधी के 10 जनपथ आवास पर बैठक को विपक्षी दलों के बीच एकता बनाने के लिए बहुत खास माना जा रहा है. खासकर इस मुलाकात का मतलब कांग्रेस और कुछ क्षेत्रीय दलों के बीच मतभेदों को सुलझाने के प्रयास के लिए जरूरी है कि जिनका पारंपरिक रूप से आपस में टकराव रहा है
Delhi | We both held talks with Sonia Gandhi. We have to unite together and work for the country's progress. They have their party president elections after which she will speak: Bihar CM Nitish Kumar after meeting Congress interim president Sonia Gandhi pic.twitter.com/bfs9UDh1Ds
— ANI (@ANI) September 25, 2022
विपक्षी मोर्चा का हिस्सा बनेगी कांग्रेस
अगस्त में बिहार में सरकार बनाने के लिए भाजपा से नाता तोड़ने और राजद और कांग्रेस से हाथ मिलाने के बाद से नीतीश कुमार की सोनिया गांधी से यह पहली मुलाकात है. इससे पहले, नीतीश कुमार ने कांग्रेस और वामपंथी दलों सहित सभी विपक्षी दलों को भाजपा से मुकाबला करने के लिए एकजुट करने की अपील की है और कहा कि यह ‘‘विपक्ष का मुख्य मोर्चा’’ सुनिश्चित करेगा कि भाजपा 2024 के लोकसभा चुनावों में बुरी तरह परास्त हो जाए. . सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद नीतीश कुमार ने कहा है कि कांगेस विपक्षी एकजुटता को लेकर सहमत है और कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के बाद इस मुद्दे पर कांग्रेस विपक्षी दलों के साथ बैठक करेगी.
दो विरोधी विपक्षी दलों को साधना है बड़ी चुनौती
इससे पहले नीतीश कुमार ने हरियाणा में इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) की तरफ से पूर्व उप प्रधानमंत्री देवीलाल की जयंती के मौके पर आयोजित एक रैली में कहा कि अगर सभी गैर-भाजपा दल एकजुट हों तो देश को तबाह करने वालों से छुटकारा मिल सकता है. इनेलो नेता ओम प्रकाश चौटाला, शिरोमणि अकाली दल के सुखबीर सिंह बादल, जिनका कांग्रेस के साथ टकराव का लंबा इतिहास रहा है, दोनों नेता राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सीताराम येचुरी और शिवसेना के अरविंद सावंत जैसे अन्य नेता वरिष्ठ नेताओं के साथ मंच पर एक साथ मौजूद थे. बिहार के उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव भी मंच पर थे, जिसे गैर-भाजपा दलों के बीच एकता की दिशा में एक कदम के रूप में देखा जा रहा है. हालांकि कांग्रेस की तरफ से कोई भी इस रैली में शामिल नहीं हुआ था.
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