त्र्यंबकेश्वर मंदिर में जबरन नहीं घुसे थे मुसलमान; हिंसा फैलाने के लिए रची गई थी साजिश
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त्र्यंबकेश्वर मंदिर में जबरन नहीं घुसे थे मुसलमान; हिंसा फैलाने के लिए रची गई थी साजिश

Trimbakeshwar Temple controversy : नगर निगम चुनाव में वोटों के धु्रवीकरण को लेकर महाराष्ट्र के नासिक में कथित तौर पर रची गई साजिश को लेकर कांग्रेस ने भाजपा नेतृत्व पर सवाल उठाए हैं और हिंदूवादी संगठनों के खिलाफ जांच की मांग की है.

त्र्यंबकेश्वर मंदिर

मुंबई/नासिकः महाराष्ट्र कांग्रेस ने गुरुवार को त्र्यंबकेश्वर के आम शांति पसंद अवाम की इस प्रमुख तीर्थस्थल में सांप्रदायिक अशांति फैलाने की भारतीय जनता पार्टी की साजिशों को कुचलने के लिए तारीफ की है. महाराष्ट्र इकाई के कांग्रेस सद्र नाना पटोले ने विभिन्न हिंदू समूहों के खिलाफ विशेष जांच दल की जांच की मांग की है. उन्होंने इल्जाम लगाया है कि निकाय, संसद और विधानसभा चुनावों के मद्देनजर ’महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों में सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने की साजिश’ की जा रही है. साथ ही कांग्रेस के पूर्व सांसद हुसैन दलवई अपने समर्थकों के साथ त्रयंबकेश्वर मंदिर का दौरा कर मंदिर परिसर के बाहर सम्मान जताया, जैसा कि स्थानीय मुसलमान दशकों से करते आ रहे हैं.

वार्षिक उर्स पर दशकों से चली आ रही है ये परंपरा 
पटोले ने 13 मई को इस पवित्र शहर में तनाव पैदा करने वाली घटना के बाद पैदा हुए हालात का जिक्र करते हुए कहा कि त्रयंबकेश्वर मंदिर में मुसलमानों द्वारा धूप/ लोबान चढ़ाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. यह अनुष्ठान हज़रत पीर सैयद गुलाब शाहवाली बाबा दरगाह और हज़रत पीर करीम शाहवाली दरगाह ट्रस्ट के वार्षिक ’उर्स’ जुलूस के दौरान किया जाता है. यहां  दोनों ज्योतिर्लिंग मंदिर के एक किमी के दायरे में स्थित हैं, और सभी धर्मों के लोग यहां पूजा-अर्चना करते हैं. इस वर्ष कुछ शरारती तत्वों ने सोशल मीडिया पोस्ट और वीडियो के जरिए स्थानीय मुस्लिम समुदाय द्वारा मंदिर के अंदर लोबान का धुंआ देने की परंपरा को मंदिर में जबरन घुसने का दुष्प्रचार कर दोनों समुदायों के बीच नफरत फैलाने की नाकाम कोशिश की थी.

मंदिर का किया गया था शुद्धिकरण 
पटोले ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं, हिंदू महासभा, अखिल भारतीय ब्राह्मण महासंघ, युवा मोर्चा, लव-जिहाद समूहों और अन्य लोगों ने कथित गैर-मौजूद घटना के बाद मंदिर के प्रवेश द्वार को 'शुद्ध’ करने के लिए महा-आरती की, गोमूत्र छिड़का और फूल फेंके. पटोले ने कहा कि उन्होंने पहले औरंगाबाद, फिर अकोला, अहमदनगर और अब नासिक (त्र्यंबकेश्वर) में जानबूझकर सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ने और समुदायों के बीच विभाजन पैदा करने की थी, जो गंभीर चिंता का विषय है. हालांकि, महाराष्ट्र के लोग अब भाजपा की इन साजिशों और चालों से सावधान हैं और अब उनके शिकार नहीं होंगे. त्र्यंबकेश्वर मंदिर में कोई जबरन प्रवेश नहीं था, और इसकी पुष्टि स्थानीय पुलिस और ग्रामीणों ने भी की है.

स्थानीय लोगों ने साजिश को किया नाकाम 
पटोले ने भाजपा और अन्य भगवा समूहों को फटकार लगाते हुए उनकी साजिशों को नाकाम करने के लिए ग्रामीणों की प्रशंसा की है, जिन्होंने स्थानीय मुसलमानों के साथ एकजुट होकर उनकी नापाक योजनाओं को विफल कर दिया है. पटोले ने कहा, “उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने तथाकथित घटना की एसआईटी जांच का आदेश दिया है. हम मांग करते हैं कि उसे उन सभी भाजपा समर्थित संगठनों की भी जांच करनी चाहिए, जिन्होंने त्र्यंबकेश्वर में हिंसा भड़काने और सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश की है." 
गौरतलब है कि बुधवार को त्र्यंबकेश्वर मंदिर के ट्रस्टी, दो दरगाह के अधिकारी, नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष, सभी स्थानीय राजनीतिक दलों और सामाजिक समूहों ने एक साथ बैठक कर क्षेत्र में शांति-व्यवस्था कायम रखने के लिए विचार-विर्मश और इस तरह के साजिश की निंदा की है. 

Zee Salaam

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