UP Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश में मर्दों के अधिकार को बचाने के लिए एक पार्टी मैदान में है. यह पार्टी चाहती है कि पुरुषों के लिए एक हेल्पलाइन नंबर शुरू किया जाए ताकि उससे उन्हें मदद मिले. पार्टी के कई उम्मीदवार चुनाव लड़ चुके हैं.
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UP Lok Sabha Election 2024: जहां देश महिलाओं के अधिकारों की बात करता है, वहीं एक राजनीतिक दल ऐसा भी है जो पुरुषों के अधिकारों के लिए लड़ने का दावा करता है. पार्टी को 'मेरा अधिकार राष्ट्रीय दल' (MARD) कहा जाता है. इस पार्टी का गठन साल 2009 में किया गया. इसे उन लोगों ने बनाया है जो दहेज निषेध अधिनियम और घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा अधिनियम से संबंधित कानूनी मुद्दों का सामना कर रहे थे.
नहीं बचा पाए जमानत
अपनी स्थापना के बाद से, पार्टी ने सात चुनाव लड़े हैं, जिनमें 2019 में वाराणसी और लखनऊ से लोकसभा चुनाव, 2020 में बांगरमऊ में उपचुनाव शामिल है. इसके अलावा साल 2022 में बरेली, लखनऊ उत्तर, बख्शी का तालाब (लखनऊ) और चौरी चौरा से विधानसभा चुनाव शामिल हैं. हालांकि इसके उम्मीदवारों को बहुत कम वोट मिले हैं. कुछ उम्मीदवारों की तो जमानत जब्द हो गई है. इन असफलताओं के बावजूद, MARD 2024 के आम चुनावों के लिए तैयार है, जिसमें लखनऊ, गोरखपुर और रांची की लोकसभा सीटों के लिए उम्मीदवार मैदान में हैं.
Çhai Pe Charcha at Lucknow.@BiassBreaker @apSuryavanshi @BakraofDv @cskkanu @DeepikaBhardwaj @godseye321 @godseye321 @GSBorikar @emailkaroji pic.twitter.com/QsjwD59nOU
— MARD.Party (@MardParty) April 30, 2024
क्या चाहते हैं?
पार्टी की टैगलाइन है 'मर्द को दर्द होता है'. पार्टी 'घोषणापत्र' में दिलचस्प वादे हैं, जिनमें 'पुरुष कल्याण मंत्रालय' और 'पुरुषों के लिए राष्ट्रीय आयोग' शामिल हैं. उनका लक्ष्य महिलाओं के पक्ष में कानूनों के कारण पुरुषों के साथ होने वाले अनुचित व्यवहार को रोकने के लिए 'पुरुष सुरक्षा विधेयक' पारित करना और पारिवारिक मुद्दों में उनकी मदद के लिए 'मेन्स पावर लाइन' स्थापित करना भी है.
ये हैं मांगें
सदस्य पारिवारिक मुद्दों को संभालने, तलाक के बाद बच्चे की हिरासत के लिए कानून लागू करने और "लिव-इन रिलेशनशिप को तुरंत रोकने" के लिए एक 'परिवार कल्याण समिति' भी स्थापित करना चाहते हैं. लेकिन क्या वे महिलाओं को अपनी पार्टी में शामिल करने के लिए तैयार हैं? कपिल कहते हैं, "हर तरह से." "हमारा मकसद मर्दों के अधिकारों की रक्षा करना है, न कि महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन करना."
संस्थापक का विवाद
पार्टी के संस्थापकों में से एक और पार्टी अध्यक्ष कपिल मोहन चौधरी, जो लखनऊ लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, वह 1999 से दहेज के एक मामले का सामना कर रहे हैं, जो 25 साल बाद भी अनसुलझा है. 52 साल के कपिल का कहना है कि "मेरी पहली शादी से दो बच्चे हैं, दोनों को मेरी पूर्व पत्नी ने ले लिया. बाद में, मुझ पर दहेज और घरेलू हिंसा के मामलों में झूठा आरोप लगाया गया. लखनऊ में इन मामलों को लड़ने के दौरान, मैं कई अन्य लोगों से मिली, जो समान परिस्थितियों में समान आरोपों का सामना कर रहे थे." साल 2011 में दोबारा शादी करने वाले कपिल कहते हैं, "मेरा तलाक हो गया, लेकिन दहेज का मामला अभी भी चल रहा है. पुरुषों के अधिकारों को उजागर करने के लिए हमने एक राजनीतिक पार्टी बनाई."