J&K Assembly Elections 2024: जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम व पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने सरकार से जमात-ए-इस्लामी से बैन हटाने का आग्रह किया है. उन्होंने उमर अब्दुल्लाह के उस टिपप्णी का भी जावब दिया है, जिसमें उन्होंने तंज करते हुए कहा था कि चुनाव अब हलाल हो गए हैं.
Trending Photos
Jammu & Kashmir Assembly Elections 2024: जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद चुनाव के तारीखों के ऐलान होते ही क्षेत्रीय और नेशनल सियासी पार्टियां अपनी अपनी तैयारियों में जुटी हुई हैं. कांग्रेस और फारूक अब्दुल्लाह की पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस ने एक साथ चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुकी है. जबकि पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती और भारतीय जनता पार्टी अकेले चुनावी मैदान में है. कुछ दिन पहले ही महबूबा मुफ्ती ने पार्टी का मेनिफेस्टो जारी किया था, लेकिन अब उन्होंने केंद्र सरकार से ऐसी मांग कर दी है जिसके बाद सियासी सरगर्मियां तेज हो गईं हैं.
दरअसल, पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को लोकतंत्र को "विचारों की लड़ाई" बताते हुए सरकार से जमात-ए-इस्लामी पर बैन हटाने का आग्रह किया ताकि वह चुनाव लड़ सके. साथ ही उन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस के डिप्टी चीफ उमर अब्दुल्ला की उस टिप्पणी को "अफसोसजनक" बताया, जिसमें उन्होंने कहा था कि जमात-ए-इस्लामी कभी चुनावों को ‘हराम (निषिद्ध)’’ मानती थी, लेकिन अब "हलाल (मान्य) मानती है."
उमर अब्दुल्ला ने क्या कहा था?
बता दें, अब्दुल्ला ने अनंतनाग जिले के पहलगाम में कहा था, "हमें बताया गया था कि चुनाव हराम (निषिद्ध) है, लेकिन अब चुनाव हलाल (मान्य) हो गए हैं. देर आए दुरुस्त आए."
महबूबा मुफ्ती ने सरकार से की ये मांग
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की मुखिया मुफ्ती ने श्रीनगर में कहा, "अगर जमात-ए-इस्लामी चुनाव लड़ना चाहती है, तो यह अच्छी बात है. डेमोक्रेसी विचारों की लड़ाई है. सरकार को जमात पर से बैन हटाना चाहिए. सरकार द्वारा जब्त की गई इसकी सभी प्रोपर्टीज को वापस किया जाना चाहिए."
यह भी पढ़ें:- बलूचिस्तान में लोगों को क्यों सता रहा है नरसंहार का डर? सामने आई खतरनाक तस्वीर
अब्दुल्ला की टिप्पणी पर पूर्व सीएम का पलटवार
वहीं, जमात-ए-इस्लामी के बारे में अब्दुल्ला की टिप्पणियों पर पलटवार करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "यह एक खेदजनक बयान है. नेशनल कॉन्फ्रेंस का ये रवैया रहा है कि जब वह सत्ता में आती है तो चुनाव ‘हलाल’ हो जाते हैं और जब वह सत्ता खो देती है तो चुनाव ‘हराम’ हो जाते हैं." उन्होंने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर को अपनी "जागीर" समझती है और उन्होंने पार्टी पर "हराम-हलाल" बहस शुरू करने का इल्जाम लगाया.
बांग्लादेश में भी जमात-ए-इस्लामी पार्टी से हटा बैन
उल्लेखनीय है कि बांग्लादेश बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस (Muhammad yunus) ने भी 28 अगस्त को जमात-ए-इस्लामी पार्टी बैन हटाने का ऐलान किया है. जमात-ए-इस्लामी पार्टी पर पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बैन लगाया था. शेख हसीना ने इस पार्टी को "उग्रवादी और आतंकवादी" संगठन के रूप में करार दिया था और साथ ही सरकारी नौकरियों के लिए रिजर्वेशन सिस्टम पर अराजकता भड़काने के लिए इसके स्टूडेंट विंग और अन्य सहयोगी निकायों को दोषी ठहराया था. बता दें, शेख हसीना को बांग्लादेश के सत्ता से बेदखल करने में जमात-ए-इस्लामी पार्टी ने अहम भूमिका निभाई है.