UP Illegal Madrasa News: ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने कहा कि, भारत के नेपाल बार्डर पर सटे हुए अलग-अलग जनपदों में स्थापित मदरसे कुछ नये नहीं हैं. बल्कि तीस चालीस साल पुराने बने हुए हैं. जब यह मदरसे बन रहे थे तो उस वक्त हुकूमत ने रोक क्यों नहीं लगाई.
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UP Illegal Madarsas: ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने तेरह हज़ार (13000) मदरसों को बन्द किए जाने पर अपने रद्दे अमल का इजहार करते हुए कहा कि, मदरसे धार्मिक शिक्षा का केंद्र है. यह संस्थाएं संविधान में दी गई इजाज़त के अनुसार चलती हैं. 506 मदरसों को छोड़ कर बाकी हज़ारों मदरसे मुस्लिम क़ौम के आपसी चंदे से चलते हैं, इनके संचालन और पढ़ाई-लिखाई में हुकूमत कुछ भी मदद नहीं करती है. इसलिए मदरसों को बन्द करने का आदेश देना सही नहीं है.
मौलाना ने कहा कि, भारत के नेपाल बार्डर पर सटे हुए अलग-अलग जनपदों में स्थापित मदरसे कुछ नये नहीं हैं. बल्कि तीस चालीस साल पुराने बने हुए हैं. जब यह मदरसे बन रहे थे और एक ज़माने से संचालित हैं, तो उस वक्त हुकूमत ने रोक क्यों नहीं लगाई. इस 13 हजार में पांच हजार वह मदरसे हैं, जिन को उत्तर प्रदेश सरकार ने मान्यतायें दी हैं. मान्यता की प्रक्रिया अपनाएं जाने के वक्त संबन्धित अधिकारी पेपरों को चेक करते हैं, फिर मौका का मुआयना करते हैं. इस लम्बी प्रक्रिया के बाद के बाद ही मान्यता दी जाती है.
अगर हुकूमत की नज़र में यह मदरसे ग़लत हैं, तो मान्यता देने वाले अधिकारी भी ग़लत हैं, और अगर अधिकारी सही हैं तो मदरसे भी सही हैं. इन पर सवालिया निशान नहीं लगाना चाहिए. मौलाना ने कहा कि जहां तक टेरर फंडिंग की बात है तो यह ज़रूर चिंता का विषय है. इस मामले में किसी से समझौता नहीं किया जा सकता. नेपाल बॉर्डर पर सटे जिन मदरसों की टेरर फंडिंग में लिप्त होने की बात कही जा रही है, हुकूमत के अधिकारियों के पास अगर पुख़्ता सुबूत हैं तो ऐसे मदरसों को जरूर बंद कर दिया जाना चाहिए, और जो लोग भी पैसों का ग़लत इस्तेमाल करने और देश मुख़ालिफ़ गतिविधियों में पाये जाते हैं तो उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी होनी चाहिए. मगर अभी तक जांच रिपोर्ट में किसी भी मदरसे के नाम का खुलासा नहीं किया गया है. इसलिए तमाम मदरसों को एक साथ बदनाम ना किया जाए.
मौलाना ने आगे कहा कि, इन्हीं मदरसों से पढ़ कर निकलने वाले उलेमा ने देश को आजाद कराने में ख़ास भूमिका निभाई है, इन्हीं उलेमा ने अंग्रेजों के खिलाफ फतवा जारी कर के मुसलमानों के दरमियान आज़ादी के आंदोलन में जोश भरा, हिन्दू भाईयों के साथ कांधे से कांधा मिला कर अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया था. मौलाना ने मदरसों के संचालकों व प्रबंधकों को मशवरा देते हुए कहा कि अपने मदरसे के तमाम कागज़ात दुरुस्त रखें.
Report: Ajay Kashyap