Riots Decrease in NDA Govt: दावा किया जा रहा है कि NDA सरकार में काफी कम दंगे-फसाद हो रहे हैं. लेकिन NCRB के डेटा और मंत्रियों का कुछ और ही कहना है.
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Riots Decrease in NDA Govt: नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) डेटा के मुताबिक भारत में पिछले 50 सालों के मुकाबले इन दिनों सबसे कम दंगे-फसाद हो रहें. सोशल मीडिया पर प्रोफेसर शमिका रवि ने एक पोस्ट शेयर की है जिसके मुताबिक भारत में साल 1998 से दंगे-फसाद में कमी आई है. उनके मुताबिक साल 1981 में सबसे ज्यादा दंगे-फसाद हुए हैं.
NDA सरकार में कम हुए दंगे
प्रोफेसर शमिका रवि ने दंगों को लेकर जो ग्राफ शेयर किया है, उसके मुताबिक 70 के दशक में दंगे-फसाद में बहुत तेजी से इजाफा हुआ है. इसके बाद 80 के दशक में इसमें मामूली गिरावट आई. 90 के दशक के शुरूआत में दंगे पहले बढ़े उसके बाद काफी कम हुए. दावा किया जाता है कि जब केंद्र में पहली बार NDA सरकार आई तो दंगों में भारी कमी आई. इसके बाद UPA सरकार में फिर दंगों में बढ़ोतरी हुई. इसके बाद इन दिनों जब NDA सरकार दोबारा सत्ता पर काबिज है तब दंगों में भारी गिरावट देखी जा रही है.
Riots (violence) in India is on a steady decline. The country is most peaceful in 50 years. Here’s the updated analysis using NCRB data: https://t.co/RT5ppFdW20 pic.twitter.com/ko9FpA8g21
— Prof. Shamika Ravi (@ShamikaRavi) June 15, 2023
लोगों ने ग्राफ पर उठाए सवाल
हालांकि, एनसीआरबी के इन आंकड़ों पर कुछ लोगों ने सवाल भी उठाए हैं. लोगों ने पूछा है कि अभी जो मणिपुर और उत्तराखंड में हो रहा है, क्या ऐसी घटनाओं को NCRB दंगों की श्रेणी में गिनती करता है? सोशल मीडिया पर लोग ये भी पूछ रहे हैं कि दो माह से सत्तारूढ़ दल के एक सांसद के खिलाफ दिल्ली में आधे दर्जन पहलवान धरने पर बैठें हैं, और उनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया है, ऐसे में क्या ये मानना आसान होगा कि दंगों की रिपोर्ट ईमानदारी से लिखी गई होगी और उन्हें एनसीआरबी के रिकॉर्ड में शामिल किया गया होगा?
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2020 में हुए 3 हजार से ज्यादा दंगे
वहीं, अगर सरकारी आकड़ों की बात करें तो 30 मार्च 2022 को लोकसभा में केंद्रीय गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक लोकसभा सदस्य द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में बताया था कि 2016 से 2020 की अवधि के दौरान देश में सांप्रदायिक या धार्मिक दंगों के 3,399 मामले दर्ज किए गए हैं. नित्यानंद राय ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर और भाजपा सांसद चंद्र प्रकाश जोशी के एक सवाल के जवाब में यह खुलासा किया था. सांसदों ने यह जानना चाहा था कि क्या सरकार ने हाल के वर्षों में देश में हुए दंगों और लिंचिंग का कोई रिकॉर्ड रखा है?
हाल के सालों में बढ़े दंगे
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए, केंद्रीय मंत्री राय ने कहा था कि 2020 में 857 सांप्रदायिक या धार्मिक दंगों के मामले दर्ज किए गए, 2019 में 438, 2018 में 512, 2017 में 723 और 2016 में 869 मामले दर्ज किए गए हैं.
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