26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए आतंकवादी हमले में मारे गए 170 से ज्यादा लोगों में एक महिला पत्रकार भी शामिल थी. वह पल-पल की खबरें मोबाइल से अपने पति और दोस्तों से शेयर कर रही थी, तभी आतंकवादी की उपनर नजर पड़ी और उन्हें गोलियों से भून दिया गया.
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नई दिल्लीः 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए आतंकवादी हमले की आज देश बर्सी मना रहा है. सीमा पार से आए लशकर-ए-तैयबा के 10 आतंवादियों ने आज ही के दिन मुंबई में एक साथ कई जगहों को निशाना बनाकर हमले किए थे. इस आतंकी हमले में लगभग 170 लोग मारे गए थे और 300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. मरने वालों में दुनिया के दस देशों के विदेशी नागरिक भी शामिल थे. यह मुंबई में साल 1993 के बाद से सबड़े बड़ा आतंकी हमला था, जिसमें इतनी बड़ी तादाद में लोग मारे गए थे. 14 साल बाद भी इस हमले के जख्म इतने हरे और गहरे हैं, जिसे देशवासी आज भी भुला नहीं पाए हैं. इसकी खास वजह ये है कि हमले के दोषियों को आजतक सजा नहीं मिल सकी.
इस हमले में कई आम इंसानों से लेकर खास लोग भी मारे गए थे. इन मरने वालों में एक नाम था सबीना सहगल सैकिया का. वह इस आतंकी हमले में अपनी जान गंवाने वाली एकमात्र पत्रकार थी. जब आतंवादियों ने ताज होटल पर हमला किया उस वक्त सबीना सहगल उस होटल के छठे फ्लोर पर मौजूद थी. वह एक समारोह में हिस्सा लेने ताज होटल पहुंची थी. तभी आतंकवादियों ने होटल को अपने कब्जे में ले लिया था और उसमें गोलीबारी शुरू कर दी थी. इस पूरे घटना क्रम को सबीना सहगल ने अपनी आंखों से देखा और महसूस किया था. तब स्मार्टफोन और वाट्सएप का जमाना नहीं था, इसके बावजूद सबीना सहगल ने आतंकवादियों के पल-पल की गतिविधियों को अपने अपने पति और दोस्तों से मैसेज के जरिए साझा किया था, जिसे पढ़कर किसी की भी रूह कांप उठेगी.
सबीना ने 60 घंटों तक अपनी मौत को बेहद करीब से देखा और उसका आंखों देखा हाल अपनी करीबियों से शेयर करती रही, लेकिन जैसे ही आतंकियों की उनपर नजर पड़ी उन्हें गोलियों से छलनी कर दिया. होटल और उसके आसपपास के इलाकों से जब पुलिस ने लाशों निकालनी शुरू की उनमें सबीना सहगल की भी लाश पाई गई थी.
सबीना सहगल के पति शांतनु सैकिया ने उनकी मौत के बाद एक इंटरव्यू में बताया था, ’’दो दिनों से सबीना का मैसेज आ रहा था. होटल पूरी तरह आतंकियों के कब्जे में हैं. लोग डरे और सहमे हुए हैं. गोलीबारी की आवाजें आ रही हैं. हर एक गोली पर लोग सहम जाते हैं. एक - एक शख्स की आंखों में मौत का खौफ समा गया है. हर कोई अपनी बारी का इंतज़ार कर रहा है.’’
शांतनु सैकिया ने बताया था, अंतिम मैसेज रात 12.45 बजे आया था. आतंकवादी हमारे कमरे के अंदर आ गया है. वह इधर-उधर कुछ तलाश कर रहा है. वह बाथरूम की तरफ जा रहा है. मैं उसके जूते देख रही हूं.’’ और फिर अचानक से मैसेज आने बंद हो गए. सबीना शायद ये मैसेज बिस्तर के नीचे से छिपकर कर रही थीं और आतंवादी की जैसे ही उनपर नजर पड़ी उन्हें गोलियों से भून दिया होगा.
45 वर्षीय सबीना सहगल सैकिया टाइम्स ऑफ इंडिया अखबर की कंसल्टिंग एडिटर थीं और वह दिल्ली टाइम्स को लीड करती थीं. वह एक फूड बलॉगर और क्रिटिक भी थी. उन्होंने देश भर के मशहूर रेस्तरां और खानपान पर स्टोरीज की थी. इससे पहले वह लंबे अरसे तक सीबीआई बीट कवर करती थीं. सबीना के परिवार में उनके पति शांतनु सैकिया हैं, जो फाइनेंशियल एक्सप्रेस के पूर्व पत्रकार हैं, और अब पेट्रोलियम उद्योग से जुड़ा कोई कारोबार संभालते हैं. सबीना सहगल की मौत के वक्त 14 और 11 साल के उनके दो बच्चे भी थे. सबीना की मौत ने पूरे मीडिया जगत को स्तब्ध कर दिया था.
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