पटना के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी विजय किशोर सिंह की अदालत ने दारुल हुकूमत के कोतवाली थाने को छह नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है.
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पटना: बिहार के नेता प्रतिपक्ष और तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) और उनकी बहन मीसा भारती (Misa Bharti) एक नई मुसिबत में घिरते हुए नज़र आ रहे हैं. पटना की एक अदालत ने तेजस्वी और मीसा के समेत 6 लोगों के खिलाफ पैसे लेकर टिकट न देने के एक मामले में FIR दर्ज करने का फरमान जारी किया है. इन दोनों के अलावा इस मामले में कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राजेश राठौर और कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे सदानंद सिंह के बेटे शुभानंद मुकेश के खिलाफ भी केस दर्ज करने का आदेश जारी हुआ है.
पटना के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी विजय किशोर सिंह की अदालत ने दारुल हुकूमत के कोतवाली थाने को छह नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है. इन सभी नेताओं पर रुपए लेकर लोकसभा चुनाव का टिकट नहीं देने का इलज़ाम है.
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मामला ये है कि कांग्रेस नेता संजीव कुमार सिंह ने पटना के सीजेएम की अदालत में 18 अगस्त को एक शिकायत दर्ज कराई थी. इस शिकायत में उन्होंने बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, राज्यसभा सदस्य मीसा भारती के अलावा बिहार कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा, सदानंद सिंह, राजेश राठौर को आरोपी बनाया था. इन नेताओं पर आरोप लगाया गया था कि इन लोगों ने भागलपुर से लोक सभा का टिकट देने के बदले में 15 जनवरी 2019 को पांच करोड़ रुपये लिए लेकिन टिकट नहीं मिला. इसके बाद विधान सभा का टिकट देने की यकीन दिहाई कराई गई, लेकिन वह भी नहीं मिला.
संजीव कुमार सिंह ने ये आरोप भी लगाया है कि जब इस मामले में तेजस्वी यादव से राब्ता करने की कोशिश की गई तो उन्होंने जान से मारने का धमकी दी. याद रहे कि पटना के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी विजय किशोर सिंह ने इस मामले की सुनवाई की थी. 31 अगस्त 2021 को फैसला महफूज़ कर लिया गया था. इसके बाद 16 सितंबर को पटना के एसएसपी के जरिए कोतवाली थानाध्यक्ष को केस दर्ज करने का हुक्म जारी किया गया.
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वहीं, इस पूरे मामले में राजद के प्रवक्ता चिंतरंजन गगन ने बयान जारी कर कहा है कि ये पार्टी को बदनाम करने की कोशिश है और उन्हें अदालती कार्रवाई पर पूरा भरोसा है. वहीं, कांग्रेस ने कहा है कि केस दर्ज करने वाला संजीव सिंह कांग्रेस पार्टी का सदस्य नहीं है, इस आरोप का जवाब हम कोर्ट में देंगे.
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