मुनव्वर राना की बेटियां सुमैया और उज़्मा राना को पुलिस ने किया नज़रबंद, जानें पूरा मामला
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मुनव्वर राना की बेटियां सुमैया और उज़्मा राना को पुलिस ने किया नज़रबंद, जानें पूरा मामला

कोरोना वायरस बढ़ने के खिलाफ इजतेमाई मुज़ाहिरे का प्लान कर चुकीं उजमा और सुमैया राना को दफा 144 की खिलाफवर्ज़ी का नोटिस दिया गया है.

फाइल फोटो

लखनऊ: उर्दू के मशहूर शायर मुनव्वर राना की बेटी सुमैया राना को लखनऊ पुलिस ने हाउस अरेस्ट कर लिया है. मुनव्वर राना की दोनों ही बेटियों के घर के बाहर बड़ी तादाद में पुलिस फोर्स तैनात दिखी. इल्ज़ाम है कि उजमा और सुमैया राना आज सीएम रिहाइश का घेराव करने की तैयारी में थीं. ऐसे में लखनऊ पुलिस ने उन्हें घर में ही नज़रबंद कर दिया है. 

मुनव्वर राना की दोनों बेटियों - उजमा और सुमैया राना ने आज सैकड़ों ख्वातीन के साथ सीएम रिहाइश पर ताली और थाली पीटने का प्रोग्राम बना लिया था. वे ख्वातीन जुर्म (महिला अपराध) और कोरोना वायरस रोक पाने में ना अहल हुकूमत के खिलाफ इजतेमाई मुज़ाहिरा (सामूहिक प्रदर्शन) करने जा रही थीं. चूंकि कोरोना वायरस रोकने के लिए राजधानी में दफा 144 लगी हुई है, ऐसे में कोरोना वायरस बढ़ने के खिलाफ इजतेमाई मुज़ाहिरे का प्लान कर चुकीं उजमा और सुमैया राना को दफा 144 की खिलाफवर्ज़ी का नोटिस दिया गया है. इन दोनों को फिलहाल इनके घरों में ही नजरबंद किया गया है. 

मुनव्वर राना की बेटियों ने शहरियत तरमीमी कानून (CAA) और मुर्दम शुमारी (जनगणना) के खिलाफ मुज़ाहिरे में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था. लखनऊ के घंटाघर पर हुए मुज़ाहिरों में सैयद उजमा परवीन और सुमैया राना ने अहम किरदार अदा किया था. ठाकुरगंज पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए मुनव्वर राना की दो बेटियों समेत 150 लोगों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया था. ये मुकदमे रास्ता जाम कर मुज़ाहिरा करनेा, सोशल मीडिया पर काबिले ऐतराज़ चीज़े वायरल करने, दफा 144 की खिलाफवर्ज़ी करने और बलवा करने के इल्ज़ाम में दर्ज किए गए थे. 

बता दें कि उजमा परवीन को अगस्त में भी नज़रबंद किया जा चुका है. वे दफा-144 के बीच लखनऊ के घंटाघर पर झंडा फहराने जाना चाहती थीं. जब पुलिस ने उन्हें इसकी इजाज़त नहीं दी तो उन्होंने इसे आइनी हुकूक की खिलाफवर्ज़ी (संवैधानिक अधिकारों का हनन) करार दे दिया. वहीं सुमैया राना ने एक बार एएमयू में उत्तर प्रदेश की पुलिस को तानाशाह बताया था. उन्होंने कहा था कि पुलिस हमारे पीछे ऐसे भागती है, जैसे चोर सामान छीनकर भाग रहा हो. ऐसा सोचा जाता था कि मुसलमानों की औरतें घर में ही रहती हैं लेकिन हमने गल्तफहमी तोड़ दी है. सीएए-एनआरसी मुज़ाहिरों के दौरान भी दोनों बहनों को हाउस अरेस्ट किया जा चुका है. 

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