Post Budget survey : आम बजट पर नेताओं की बहुत हुई बयानबाज़ी; जानिए, जनता के मन की बात
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Post Budget survey : आम बजट पर नेताओं की बहुत हुई बयानबाज़ी; जानिए, जनता के मन की बात

POST BUDGET SURVEY: 47 फीसदी लोगों ने कहा कि पिछले एक साल के दौरान उनकी जीवन की गुणवत्ता में गिरावट आई है, बजट में की गई घोषणाओं से महंगाई नहीं घटेगी. 

अलामती तस्वीर

नई दिल्लीः (Post Budget Survey) एक फरवरी को संसद में पेश किए गए बजट पर आप ने सरकार और विपक्ष के नेताओं की प्रतिक्रियांए खूब देख और सुन ली होगी. हालांकि अब इसपर आम जनता की राय भी आ गई है. आईएएनएस-सीवोटर ने बजट (IANS-C-Voter Budget Survey) के बाद इस संबंध में सर्वेक्षण किया है, जिसमें देश के 46.6 प्रतिशत लोगों का कहना है कि बीते एक साल में उनके जीवन की गुणवत्ता घटी है. वहीं, 25.5 प्रतिशत ने कहा कि गुणवत्ता में कोई बदलाव नहीं आया है जबकि 24.5 प्रतिशत ने कहा कि उनके जीवन की गुणवत्ता सुधरी है.

इससे महंगाई में कोई कमी नहीं आएगी
सर्वेक्षण में बजट के कारण महंगाई में कमी आने के संबंध में पूछे गए सवाल पर 44.1 प्रतिशत लोगों ने कहा कि इससे महंगाई में कोई कमी नहीं आएगी, 26.7 प्रतिशत ने कहा कि चीजों के दाम में हल्की गिरावट आएगी जबकि 22.6 प्रतिशत ने दामों में भारी गिरावट आने की बात की. आईएएनएस-सीवोटर के सर्वेक्षण के दौरान लोगों से कई सवाल पूछे गए थे. यह सर्वेक्षण देश के अलग-अलग हिस्सों में किया गया और करीब 1,200 लोगों से सवाल पूछे गए.

मध्यम वर्ग को कोई राहत नहीं मिली
मॉर्निगस्टार इनवेस्टमेंट एडवाइजर इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि केंद्रीय बजट में आयकर में किसी प्रकार की छूट नहीं दी गयी जिससे कोरोना संकट के दौर में कम आय और बढ़ती महंगाई से जूझ रहे मध्यम वर्ग को कोई राहत नहीं मिली.

चुनावी दबाव में आते नहीं दिखे प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनावी दबाव में आते नहीं दिखे क्योंकि केंद्रीय बजट में लोकलुभावन और क्षेत्रीयता को ध्यान में रखकर प्रावधान नहीं किए गए हैं. इस माह देश के पांच राज्यों में चुनाव होने हैं लेकिन उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य को ध्यान में रखकर कोई नयी घोषणा नहीं की गई है.

बजट में आर्थिक पहलू पर अधिक जोर दिया
बजट में निजी उपभोग क्षमता को बढ़ाए जाने के उपाय भी सीमित रहे. आयकर में राहत और मनरेगा के आवंटन में बढ़ोतरी से निजी उपभोग क्षमता पर तत्काल सकारात्मक प्रभाव पड़ता. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में आर्थिक पहलू पर अधिक जोर दिया. उनका ध्यान विकास और नई पीढ़ी के क्षेत्र कहे जाने वाले फिन टेक, स्टार्टअप, क्रिप्टो करेंसी, डिजिटल रुपया, ड्रोन, सौर ऊर्जा और प्रौद्योगिकी पर रहा.

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