राबे हसनी 6ठीं बार बने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष, अरशद मदनी-अली नकवी को चुना गया उपाध्यक्ष
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राबे हसनी 6ठीं बार बने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष, अरशद मदनी-अली नकवी को चुना गया उपाध्यक्ष

All India Muslim Personal Law Board: इस मौके पर इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सद्र मौलाना राबे हसनी नदवी ने मुसलमानों से अपील करते हुए कहा कहा उन्हें एकजुट होने की ज़रूरत है. अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो मौजूदा हालात का सामना नहीं कर सकते.

राबे हसनी 6ठीं बार बने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष, अरशद मदनी-अली नकवी को चुना गया उपाध्यक्ष

कानपुर/सैयद ओवैस अली: उत्तर प्रदेश के कानपुर में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के 27वें कन्वेंशन का आयोजन हो रहा है. कानपुर जाजमऊ में हो रहे इस दो रोजा आयोजन में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के नए सदर का चुनाव हो गया है. मौलाना राबे हसनी नदवी लगातार छठवीं बार बोर्ड के अध्यक्ष चुने गए हैं. वहीं, बोर्ड के उपाध्यक्ष पद पर जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी को चुना गया है. इसके अलावा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रहे शिया बुद्धिजीवी डॉ. सैयद अली नकवी को भी उपाध्यक्ष चुना गया है. इसके अलावा सैफुल्ला रहमानी को महामंत्री को चुना गया है.

वहीं, वर्किंग कमेटी के सदस्यों के रूप में 3 महिलाओं फातिमा मुजफ्फर (तमिल नाडु) अतिया (दिल्ली) और डॉक्टर निकहत परवीन (लखनऊ) को भी शामिल किया गया है. इनके अलावा साबिर अहमद (कर्नाटक), मोहम्मद यूसुफ अली (असम), मुफ्ती मोहम्मद उबैदुल्ला असादी (बांदा), मौलाना बिलाल हसन नदवी नदवा और ताहिर हकीम एडवोकेट गुजरात को भी वर्किंग कमेटी का सदस्य बनाया गया है.

'जोश में होश खोने की जरूरत नहीं'
इस मौके पर इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सद्र मौलाना राबे हसनी नदवी ने मुसलमानों से अपील करते हुए कहा कहा उन्हें एकजुट होने की ज़रूरत है. अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो मौजूदा हालात का सामना नहीं कर सकते. जोश में होश खोने की जरूरत नहीं है बल्कि हिकमत ए अमली से काम लेना जरूरी है. इस मौके पर उन्होंने उम्मीद ज़ाहिर की कि बोर्ड के सदस्य अपने ज़ाती मफाद के लिए बोर्ड का इस्तेमाल नहीं करेंगे और  कानपुर में हो रहे इजलास के बेहतर नतीजे सामने आएंगे. 

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हुकूमत को CAA को भी वापस लेना चाहिए
जमीअत उलमा ई हिंद के कौमी सद्र मौलाना असद मदनी ने कहा कि किसानों का आंदोलन सीएए और एनआरसी के खिलाफ महिलाओं के चलाए गए शहीन बाग के आंदोलन से प्रेरित था कोरोना के कारण शाहीन बाग आंदोलन खत्म करना पड़ा. किसानों का आंदोलन इससे बड़ा साबित हुआ और उनकी हिम्मत ने कामयाबी दिलाई. मौलाना मदनी ने ये भी कहा कि जब कारोबार से जुड़े कृषि कानून वापस हो सकते हैं तो सरकार को अल्पसंख्यकों का सम्मान करते हुए सीएए और एनआरसी भी वापस लेना चाहिए. उन्होंने कहा जनता की ताकत संसद की ताकत से बहुत बड़ी होती है. किसानों की तरह मुसलमान भी इसी देश के रहने वाले हैं आठ नौ साल हो गए पर हम सरकार के पास नहीं गए और ना सरकार ने हम से बात की.

'बोर्ड ने दायरा ना बढ़ाया तो खतरे बढ़ेंगे'
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य और सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता मेहमूद प्राचा ने बताया कि उन्होंने बोर्ड से सदर समेत सभी सदस्यों को ईमेल से एक पत्र भेजा है जिसमें उनसे इसका दायरा बढ़ाने और सामाजिक मुद्दों को भी शामिल करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि सीएए और एन आर सी या ऐसे ही जो भी मुद्दे हैं जिसमें हमारे संवैधानिक अधिकारों को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है, उसे बोर्ड को अपने स्तर से देखना होगा.

गौरतलब है कि कन्वेंशन के पहले दिन तीन सत्र हुए जिसमें बोर्ड के महासचिव सैफुल्ला रहमानी, अरशद मदनी, महमूद मदनी, असदुद्दीन ओवैसी, मौलाना कल्बे जवाद, मेहमूद प्राचा, मोहम्मद सुलेमान, मौलाना अली अब्बास नजफी, आरिफ मसूद मौलाना ताल्हा कासिम रसूल इलियास और मोहम्मद अदीब  समेत देशभर के 150 उलमा व दानिशवर हज़रात मौजूद थे. इसमें 7 महिला सदस्यों ने भी शिरकत की.

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