रिजर्व बैंक (RBI) ने मौजूदा माली साल यानी 2021-22 के लिए ग्रोथ रेट का अंदाज़ा घटा दिया है. RBI के मुताबिक मौजूदा माली साल में ग्रोथ रेट 9.5 फीसदी रहेगा.
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मुंबई: मरकज़ी रिजर्व बैंक RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी का शुक्रवार को आउटकम (RBI MPC Outcome) आ गया है. गवर्नर शक्तिकांत दास ने मॉनेटरी पॉलिसी का ऐलान किया है. इस बार भी रेपो रेट (Repo Rate Unchanged) में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (एमपीसी) ने अपनी बैठक में कमर्शियल बैंकों के लिए रेपो दर, या कलील मुद्दती उधार दर को 4 फीसदी पर बनाए रखने का फैसला किया है.
गवर्नर दास ने कहा कि माली सुधार के लिए नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है और जब तक जरूरी होगा, तब तक यही रुख बनाए रखा जाएगा. आरबीआई ने अप्रैल में हुई पिछली एमपीसी बैठक में अहम ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था.
कितनी फीसदी है जीडीपी ग्रोथ का अंदाज़ा
रिजर्व बैंक ने मौजूदा माली साल यानी 2021-22 के लिए ग्रोथ रेट का अंदाज़ा घटा दिया है. RBI के मुताबिक मौजूदा माली साल में ग्रोथ रेट 9.5 फीसदी रहेगा. पहले रिजर्व बैंक ने 10.50 फीसदी का अंदाज़ा जताया था. गवर्नर दास ने कहा कि जबतक कोविड का असर खत्म नहीं होता तब तक अकोमडेटिव नजरिया ही बरकरार रखा जाएगा. उन्होंने कहा कि ग्लोबल ट्रेंड सुधरने से एक्सपोर्ट में सुधार होगा.
बढ़ती महंगाई अहम चुनौती
ब्याज दरों में बदलाव नहीं करने को लेकर शक्तिकांत दास ने कहा कि लगातार बढ़ती महंगाई की वजह से रिजर्व बैंक के मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी ने पॉलिसी रेट में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है.
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वैक्सिनेशन से इकोनॉमी में मज़बूती आएगी
शक्तिकांत दास ने कहा कि वैक्सिनेशन से इकोनॉमी को मज़बूत करने में मदद मिलेगी. ग्लोबल ट्रेंड सुधरने से एक्सपोर्ट बढ़ेगा. कमजोर डिमांड से प्राइस प्रेशर का दबाव है. महंगे क्रूड और लॉजिस्टिक्स कॉस्ट में उछाल से प्राइस प्रेशर की हालत बनी है. ऐसे माहौल में हर तरह से पॉलिसी सपोर्ट जरूरी है.
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