आयोध्या विवाद पर शाहरुख खान से मध्यस्थता कराना चाहते थे SA बोबडे, ऐसे हुआ खुलासा
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आयोध्या विवाद पर शाहरुख खान से मध्यस्थता कराना चाहते थे SA बोबडे, ऐसे हुआ खुलासा

साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि एक्टर शाहरुख खान ने एसए बोबडे के इस प्रस्ताव को कुबूल भी कर लिया था.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: अयोध्या के बाबरी मस्जिद और राम मंदिर विवाद का फैसला सुनाने वाले सुप्रीम कोर्ट के 47वें चीफ जस्टिस एसए बोबडे (SA Bobde) ने शुक्रवार को रिटायर हो गए हैं. इस मौके पर जस्टिस बोबडे ने कहा कि उन्हें खुशी है कि वो बहुत अच्छी यादों के साथ सुप्रीम कोर्ट से विदा ले रहे हैं. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें बहुत इत्मिनान है कि उन्होंने अपने अपना सबसे बेहतरीन काम किया. 

न्यायमूर्ति बोबडे ने कहा कि वह 21 साल तक न्यायाधीश के रूप में सेवाएं देने के बाद पद छोड़ रहे हैं और शीर्ष अदालत में उनका सबसे समृद्ध अनुभव रहा है तथा साथी न्यायाधीशों के साथ सौहार्द भी बहुत अच्छा रहा है. उन्होंने कहा कि मैं अब कमान न्यायमूर्ति एन वी रमण के हाथों में सौंप रहा हूं, मुझे यकीन है कि बहुत अहल तरीके से अदालत का नेतृत्व करेंगे.

जस्टिस एसए बोबडे की विदाई के मौके पर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने एक बड़ा खुलासा किया. उन्होंने बताया कि जस्टिस एसए बोबडे के कार्यकाल के सबसे बड़े और अहम मामले (अयोध्या विवाद) को सुलझाने के लिए एक्टर शाहरुख खान का नाम मध्यस्थता के लिए पेश किया था. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि एक्टर शाहरुख खान ने एसए बोबडे के इस प्रस्ताव को कुबूल भी कर लिया था. 

बता दें कि महाराष्ट्र के नागपुर में 24 अप्रैल 1956 को पैदा होने वाले जस्टिस एसए बोबडे ने नागपुर विश्वविद्यालय से बीए और एलएलबी किया. वह 1978 में महाराष्ट्र की बार काउंसिल में अधिवक्ता के तौर पर पंजीकृत हुए और 29 मार्च 2000 को बॉम्बे हाई कोर्ट में एडीशनल जस्टिस बने. उसके बाद 16 अक्तूबर 2012 को उन्होंने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के ओहदे की शपथ ली. आखिर में 12 अप्रैल 2013 उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीश पद पर पदोन्नत हुए.

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