सऊदी अरब हमेशा से खुदको मुस्लिम वर्ल्ड का लीडर दिखाता आया है और यहां का निज़ाम भी इस्लाम के कानून के तरीके से ही चलता है. लेकिन सऊदी क्राउन प्रिंस MBS के 'विज़न 2030' को लेकर देश में कई बदलाव किए जा रहे है.
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Saudi Arabia's first Alcohol Store: सऊदी अरब में दशकों से चली आ रही सख्त शराबबंदी अब हटने वाली है. सऊदी अरब हमेशा से खुदको मुस्लिम वर्ल्ड का लीडर दिखाता आया है और यहां का निज़ाम भी इस्लाम के कानून के तरीके से ही चलता है. लेकिन सऊदी क्राउन प्रिंस MBS के 'विज़न 2030' को लेकर देश में कई बदलाव किए जा रहे हैं. इससे पहले महिलाओं के ड्राइविंग लाइसेंस पर लगा प्रतिबंध भी हटाया जा चुका है. रॉयटर्स ने अपने एक सूत्र का हवाला देते हुआ बताया कि सऊदी अरब का पहला शराब स्टोर राजधानी रियाद के राजनयिक क्वार्टर में खोला जाएगा और मुसलमानों के लिए सख्ती से प्रतिबंधित होगा.
कब लगी थी शराब पर पाबंदी?
1932 में सऊदी अरब एक अलग राष्ट्र के तौर पर अस्तित्व में आया था, तभी से यहां के कानून और तरीके इस्लामी मान्यताओं से चल रहे हैं. साल 1952 में शराब को आधिकारिक तौर पर देश में बैन कर दिया गया था. हालांकि सऊदी अरब के पड़ोसी देश कतर-UAE में कुछ शर्तों पर शराब बेची जाती है, लेकिन सऊदी में पूरी तरह से शराब पर पाबंदी थी. बता दें कि देश में शराब का अंडरग्राउंड कंज़प्शन हमेशा से होता रहा है.
रूढ़िवादी मुसलमानों में नराज़गी
सऊदी सरकार के इस कदम से देश के रूढ़िवादी मुसलमानों में ख़ासा नराज़गी देखने को मिल रही है. इस्लामी मान्यताओं के मुताबिक शराब के सेवन को हराम माना गया है. रूढ़िवादी मुसलमान सऊदी सरकार का इस कदम को शरिया कानून के खिलाफ मान रहे हैं.
सऊदी सरकार ने इसपर क्या कहा?
सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि ये नया रूल देश में विदेशी डिप्लोमेट्स के लिए चल रहे काले शराब के कारोबार को रोकने के लिए लाया गया है. इस कानून के बाद डिप्लोमेट्स को सरकार के नियामक स्टोर से शराब मिल जाएगी. हालांकि, स्टोर्स पर किसी सऊदी के आम नागरिक को शराब खरीदने की इजाज़त नहीं होगी.