मकाम-ए-इब्राहीम या मक़ामे इब्राहीम इस्लाम जज़हब की रिवायात के मुताबिक, वह पत्थर है जिसका इस्तेमाल इब्राहीम (इस्लाम) ने मक्का (शहर) में काबा की तामीर के दौरान दीवार बनाने के लिए किया था.
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मक्का: सऊदी अरब की हुकूमत ने पहली बार मक्का के ग्रैंड मस्जिद में मौजूद मक़ाम ए इब्राहिम कुछ नायाब तसावीर जारी की हैं, जिसे देख कर शायद आप हैरान हो सकते हैं.
सऊदी अरब के मक्का और मदीना के मामलों के लिए जनरल प्रेसीडेंसी ने मक़ाम ए इब्राही के मंज़र को एक नई तकनीक के साथ कैप्चर किया जिसमें स्टैक्ड पैनोरमिक फोकस का इस्तेमाल किया गया है. चंद रोज़ पहले ही, सऊदी अरब के अफसरों ने हजरे असवद की इसी तरह की हाई रेजोल्यूशन वाली तसावीर जारी कीं थी.
Detailed Pictures of Maqam e Ibrahim (Station of Abraham) taken recently. pic.twitter.com/4w7U8MgSuK
— Haramain Sharifain (@hsharifain) May 5, 2021
क्या है मक़ाम इब्राहिम
मकाम-ए-इब्राहीम या मक़ामे इब्राहीम इस्लाम जज़हब की रिवायात के मुताबिक, वह पत्थर है जिसका इस्तेमाल इब्राहीम (इस्लाम) ने मक्का (शहर) में काबा की तामीर के दौरान दीवार बनाने के लिए किया था ताकि वह उस पर खड़े होकर दीवार बना सकें.
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1967 से पहले इस जगह पर एक कमरा था लेकिन अब इसे सोने की जाली में बंद कर दिया गया है. फिलहाल इस जगह को मस्जिद का दर्जा दिया गया है. काबा के इमाम इधर से चंद क़दम की दूरी पर क़िबलाह की तरफ रुख कर के नमाज़ पढ़ाते हैं. तवाफ के बाद मुसलमान को मकाम-ए-इब्राहीम दो रकअत नमाज़ पढ़नी सुन्नत है.
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