Congress slams BJP for lotus featuring in G20 logo: जी-20 दुनिया के विकासशील और विकसित देशों का समूह है, जो अपने मुल्कों की तरक्की के लिए साझा रणनीति पर काम करते हैं. इस साल भारत इस बैठक की सदारत करेगा. मंगलवार को प्रधानमंत्री ने इस बैठक का लोगो जारी किया है, जिसमें कमल के फूल की आकृति बनी है. इसके बाद इस लोगो पर बवाल मच गया है.
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नई दिल्लीः जी-20 के लोगो में कमल के फूल को शामिल किए जाने पर बुधवार को सियासी बवाल मच गया. कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी पर इल्जाम लगाया है कि वह अपने चुनाव चिन्ह को बढ़ावा दे रही है, वहीं सत्तारूढ़ दल ने दावा किया है कि विपक्षी पार्टी भारत के कौमी फूल को बदनाम कर रही है. वजीर-ए-आजम नरेंद्र मोदी ने एक दिन पहले ही भारत की सदारत में होने वाले जी-20 के कॉन्फ्रेंस के लिए लोगो, थीम और वेबसाइट को लॉन्च किया था. इसके बाद कांग्रेस ने कहा कि भाजपा के चुनाव चिह्न का इस्तेमाल चौंकाने वाला है. साथ ही विपक्षी दल ने तंज किया कि प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी खुद के प्रचार का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहती है.
The G20 India logo represents 'Vasudhaiva Kutumbakam'. pic.twitter.com/RJVFTp15p7
— PMO India (@PMOIndia) November 8, 2022
नेहरू ने कांग्रेस के झंडे को मुल्क का झंडा बनाने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया थाः कांग्रेस
कांग्रेस के सीनियर नेता जयराम रमेश ने कहा, ‘‘70 साल से ज्यादा अरसा पहले जवाहर लाल नेहरू ने कांग्रेस के झंडे को मुल्क का झंडॉ. बनाने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था. अब, भाजपा का चुनाव चिह्न जी-20 की भारत की अध्यक्षता के लिए ऑफिशियल लोगो बन गया है.’’ भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि 1950 में तब की कांग्रेस सरकार द्वारा कमल को राष्ट्रीय फूल तस्लीम किया गया था. भाजपा ने इसके साथ ही सवाल किया है कि कांग्रेस हर राष्ट्रीय प्रतीक को क्यों ‘बदनाम’ करती है? पार्टी ने यह भी कहा कि कांग्रेस का रुख हिंदू धर्म का अपमान है, क्योंकि कमल देवी लक्ष्मी और देवी सरस्वती से संबंधित है.
राष्ट्रीय ध्वज जीवंत रंगों से प्रेरित हैः केंद्र सरकार
सरकार के बयान के मुताबिक, जी-20 का लोगो भारत राष्ट्रीय ध्वज जीवंत रंगों से प्रेरित है- केसरिया, सफेद और हरा, और नीला. इसमें भारत के राष्ट्रीय फूल कमल के साथ पृथ्वी को जोड़ा गया है, जो चुनौतियों के बीच तरक्की को दिखाता है.
मोदी बेशर्मी के साथ खुद के प्रचार का कोई मौका नहीं छोड़ेंगेः कांग्रेस
लोगो के लॉचिंग पर प्रतिक्रिया देते हुए रमेश ने ट्वीट किया, ‘‘यह चौंकाने वाली बात है, लेकिन अब हम जानते हैं कि श्रीमान मोदी और भाजपा बेशर्मी के साथ खुद के प्रचार का कोई मौका नहीं छोड़ेंगे.’’
कांग्रेस राष्ट्रीय प्रतीकों को कमजोर करने में लगी हैः हरदीप सिंह पुरी
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने रमेश पर पलटवार करते हुए कहा, ’’ 1950 में तब की कांग्रेस सरकार ने कमल को राष्ट्रीय फूल घोषित किया था और रमेश का जन्म 1954 में हुआ था. पुरी ने कहा, “भगवान ही जानता है कि कांग्रेस क्यों राष्ट्रीय प्रतीकों को कमजोर और बदनाम करने में लगी है?’’
कमल का फूल देवी लक्ष्मी के बैठने की जगह होती हैः पूनावाला
भाजपा तर्जुमान शहजाद पूनावाला ने भी कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा, ’’राष्ट्रीय फूल देवी लक्ष्मी के बैठने की जगह भी होती है.’’ उन्होंने रमेश के ट्वीट के स्क्रीनशॉट के साथ ट्विटर पर सवाल किया, “क्या आप हमारे राष्ट्रीय फूल के खिलाफ हैं?“
यह हिंदू धर्म का ’अपमान’ हैः सुधांशु त्रिवेदी
भाजपा तर्जुमान सुधांशु त्रिवेदी ने भी कांग्रेस पर निशाना साधा है और जी-20 के लोगो में कमल चिह्न के इस्तेमाल के बारे में कांग्रेस के ऐतराज को हिंदू धर्म का “अपमान“ कहा है, क्योंकि यह फूल देवी लक्ष्मी और देवी सरस्वती से मुंसलिक है. भाजपा नेता ने कहा, “विपक्षी पार्टी को पता होना चाहिए कि कमल राष्ट्रीय फुल है और इसे कांग्रेस सरकार ने चुना था. इसलिए, पार्टी नेताओं की मौजूदा पीढ़ी को अपने पूर्वजों के फैसले की इज्जत करनी चाहिए.“
क्या है जी-20 समूह ?
जी-20 दुनिया के कुछ देशों का समूह है. इसमें उन देशों के वित्त मंत्री और केंद्रीय बैंक के गवर्नर शामिल होते हैं और विकास के लिए साझा रणनीति पर काम करते हैं. इभी इस समूह में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) शामिल हैं. जी-20 देशों का शिखर सम्मेलन 15-16 नवंबर को बाली में होगा और भारत इस साल इस बैठक की अध्यक्षता करेगा.
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