Mulayam Singh: टीचर, रेसलर और फिर बादशाह-ए-सियासत, 10 points में समझें SP संस्थापक मुलायम की जिंदगी
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Mulayam Singh: टीचर, रेसलर और फिर बादशाह-ए-सियासत, 10 points में समझें SP संस्थापक मुलायम की जिंदगी

Mulayam Singh Birth Anniversary: उत्तर प्रदेश के तीन बार सीएम रह चुके मुलायम सिंह की आज बर्थ एनिवर्सरी है. इस मौके पर हम आपको 10 प्वाइंट्स में उनकी जिंदगी से जुड़ी हर जरूरी डिटेल देने वाले हैं.

Mulayam Singh: टीचर, रेसलर और फिर बादशाह-ए-सियासत, 10 points में समझें SP संस्थापक मुलायम की जिंदगी

Mulayam Singh Birth Anniversary: भारत के जब भी दिग्गज नेताओं को देखा जाएगा तो उसमें मुलायम सिंह का नाम फेहरिस्त में शुरुआत में लिखा मिलेगा. आज मुलायम सिंह की जयंती है और इस मौके पर हम आपको 10 प्वाइंट्स में उनकी जिंदगी के बारे में बताने वाले हैं. तीन बार यूपी के सीएम रह चुके मुलायम सिंह की मौत 10 अक्टूबर 2022 को लंबी बीमारी के बाद हुई थी. उनकी जयंती पर अलग-अलग लीडरान उन्हें खिराजे अकीदत पेश कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश के सीएम योगी अदित्यनाथ ने भी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है.

मुलायम सिंह की जयंती

मुलायम सिंह का जन्म 22 नवंबर 1039 में मुर्ति देवी और सुघर सिंघ यादव के घर हुआ था. वह सैफई के रहने वाले थे. यादव ने इटावा के कर्म क्षेत्र पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज से ग्रेजुएशन की और शिकोहाबाद के एके कॉलेज से बीटी की डिग्री भी हासिल की. ​​उन्होंने आगरा यूनिवर्सिटी के बीआर कॉलेज से मास्टर ऑफ आर्ट्स की डिग्री हासिल की.

-  अपनी पढ़ाई पूरी होने के बाद वह सरकारी स्कूल के टीचर बन गए.

- यादव एक कामयाब पहलवान बनना चाहते थे. मैनपुरी में कुश्ती के दौरान जसवंतनगर के पूर्व विधायक नाथू सिंह की नजर उन पर पड़ी और वे उनके हुनर ​​और लचीलेपन से प्रभावित हुए. सिंह ने यादव को अपना शिष्य बनाया. यहीं से मुलायम सिंह यादव का राजनीति में एंट्री हुई.

- 1967 में इटावा के जसवंतनगर से युनाइटेड सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर पहली बार विधायक चुने गए. 28 साल की उम्र में वे राज्य विधानसभा के सबसे युवा सदस्य बने. हालांकि, 1969 में वे कांग्रेस के विशंभर सिंह यादव से चुनाव हार गए.

- मुलायम सिंह यादव समाजवादी लेखक राम मनोहर लोहिया से काफी मुतास्सिर थे. अपने करियर की शुरुआत में उन्होंने निचली जातियों और माइनोरिटी के हितों की वकालत की. बाद में वे ओबीसी के दिग्गज नेता बन गए.

-अनुभवी नेता तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे. उनका पहला कार्यकाल कम था और यह 1989 से 1991 तक चला.

- 1992 में उन्होंने कांग्रेस से अलग होकर समाजवादी पार्टी की स्थापना की. वे 1993 से 95 और 2003 से 2007 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे.

- उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन के खत्म होने के बाद, मुलायम सिंह यादव बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के समर्थन से 1994 के चुनावों में दोबारा सत्ता में आए.

- उन्होंने 1996 में एच.डी. देवेगौड़ा के नेतृत्व वाली संयुक्त मोर्चा सरकार में भारत के डिफेंस मिनिस्टर के तौर पर भी उन्होंने काम किया.

- उनका नाम प्रधानमंत्री पद के लिए मोर्चे के एक सीनियर नेता के जरिए प्रस्तावित किया गया था, लेकिन राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने इस विचार का विरोध किया.

- 2012 में उत्तर प्रदेश चुनाव में समाजवादी पार्टी को पूर्ण बहुमत मिलने के बाद उन्होंने अपने बेटे अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बना दिया. 

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