Sunahari Bagh Masjid: सुनहरी बाग़ रोड मस्जिद के इमाम के जरिए दायर की गई याचिका का कोर्ट ने निपटारा कर दिया है. यह फैसला एनडीएमसी की दलील के बाद लिया गया है.
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Sunahari Bagh Masjid: दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को सुनहरी बाग रोड मस्जिद के इमाम अब्दुल अजीज के जरिए एनडीएमसी (नई दिल्ली नगरपालिका परिषद) के जरिए मस्जिद को हटाने के लिए आपत्तियां और सुझाव देने वाले सार्वजनिक नोटिस के संबंध में दायर याचिका का निपटारा कर दिया है.
यह तब हुआ जब एनडीएमसी ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि सुनहरी बाग मस्जिद को हटाने के प्रस्ताव के खिलाफ जनता की आपत्तियों पर कानून के मुताबिक विचार किया जाएगा. न्यायमूर्ति पुरुषेन्द्र कुमार कौरव ने बुधवार को याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि कोई भी आखिरी फैसले लेने से पहले याचिकाकर्ता इमाम के जरिए उठाई गई आपत्तियों पर विचार किया जाएगा.
एनडीएमसी की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) चेतन शर्मा पेश हुए और कहा कि याचिकाकर्ता और आम जनता की आपत्तियों पर आखिकी फैसला लेने से पहले कानून के मुताबिक विचार किया जाएगा. संबंधित अधिकारी मामले से अवगत हैं, इसलिए कोई कारण नहीं बनता.
इमाम के सीनियर वकील ने कहा कि वह याचिका वापस ले लेंगे. अगर कोई फिक्र है तो अधिकारी को कानून के मुताबिक आपत्ति पर फैसला लेने का निर्देश दिया जाता है. सब कुछ नोट करने के बाद, पीठ ने याचिका का निपटारा कर दिया है. पीठ ने कहा कि संबंधित प्राधिकरण को जनता से प्राप्त आपत्तियों और सुझावों पर विचार करना होगा.
इमाम अब्दुल अजीज ने एनडीएमसी के जरिए 24 दिसंबर, 2023 को जारी पब्लिक नोटिस को चुनौती दी थी. जिसमें एनडीएमसी ने 150 साल पुरानी सुनहरी बाग मस्जिद को गिराने पर राय मांगी थी. याचिकाकर्ता अब्दुल अजीज के वकील शोएब अहमद ने एएनआई को बताया कि अदालत ने एनडीएमसी की इस दलील पर गौर करने के बाद याचिका का निपटारा कर दिया है कि किसी भी आखिरी फैसले पर पहुंचने से पहले हमारी आपत्तियों पर विचार किया जाएगा.
इमाम अब्दुल अज़ीज़ ने नोटिस को चुनौती दी थी और कहा था कि यह नोटिस बिना किसी दिमाग लगाए और बिना किसी शोध के जारी किया गया था. सुनवाई के दौरान एएसजी ने कहा था कि कई आपत्तियां मिली हैं और कानून के मुताबिक उनका निपटारा किया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता के पास याचिका दायर करने का कोई अधिकार नहीं है. केवल दिल्ली वक्फ बोर्ड ही इसे दायर कर सकता है.
न्यायमूर्ति कौरव ने कहा कि कोई भी व्यक्ति आपत्ति उठा सकता है क्योंकि एनडीएमसी के जरिए जारी नोटिस एक सार्वजनिक नोटिस है. इससे पहले, दिल्ली पुलिस ने कहा कि याचिका निरर्थक हो गई है, क्योंकि हटाने से संबंधित मामला हेरिटेज संरक्षण समिति को उसकी सिफारिश के लिए भेज दिया गया है.
बता दें, 24 दिसंबर, 2023 को एक सार्वजनिक नोटिस छापा गया था, जिसमें साइट पर यातायात की भीड़ को कम करने के लिए सुनहरी बाग मस्जिद के विध्वंस पर राय मांगी गई थी.