'उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान अवॉर्ड' से सम्‍मानित होंगे तबला वादक जाकिर हुसैन
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'उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान अवॉर्ड' से सम्‍मानित होंगे तबला वादक जाकिर हुसैन

Ustad Zakir Hussain: देश के मशहूर तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन को 'पद्म विभूषण उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान पुरस्कार' दिया जाएगा. उन्हें यह सम्मान 16-17 जनवरी को उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान की तीसरी पुण्य तिथि के मौके पर दिया जाएगा. 

'उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान अवॉर्ड' से सम्‍मानित होंगे तबला वादक जाकिर हुसैन

Ustad Zakir Hussain: देश के मशहूर तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन को 'पद्म विभूषण उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान पुरस्कार' दिया जाएगा. उन्हें यह सम्मान 16-17 जनवरी को उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान की तीसरी पुण्य तिथि के मौके पर ठाणे और मुंबई में दो दिवसीय संगीत समारोह में उनकी विधवा अमीना गुलाम मुस्तफा खान के जरिए दिया जाएगा. 16 जनवरी को ठाणे के के. घाणेकर नाट्यगृह में मशहूर राकेश चौरसिया (बांसुरी), पूर्वायन चटर्जी (सितार) द्वारा हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत पेश किया जाएगा और पंडित वेंकटेश कुमार द्वारा गायन प्रस्तुत किया जाएगा.

दूसरे दिन यानि 17 जनवरी को दिवंगत उस्ताद खान के शिष्य और फेमस  सिंगर सोनू निगम संगीत जगत के दिग्गजों की मौजूदगी में अवॉर्ड फंक्शन के साथ शनमुखानंद हॉल में 'हाजरी' नामक संगीत समारोह का नेतृत्व करेंगे.हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के बेजोड़ पुरोधा उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान ने संगीत की दुनिया में एक अनोखी छाप छोड़ी है. पुरस्कार के माध्यम से उनकी संगीत विरासत का जश्न मनाया जाता है. पिछले साल पहला पुरस्कार बांसुरी वादक पंडित हरि प्रसाद चौरसिया को प्रदान किया गया था.

इस मौके पर जाकिर हुसैन ने कहा कि, उनके निधन से भारतीय शास्त्रीय संगीत को बहुत बड़ा नुकसान हुआ है. लेकिन फिर भी मुझे खुशी है कि उनकी विरासत उनके बेटों और पोते के जरिए से जिंदा है. वो भारतीय शास्त्रीय संगीत की सेवा कर रहे हैं. मुझे उम्मीद है कि रामपुर सहसवान घराने की रिवायत कायम रहेगी.बता दें कि,उस्ताद खान रामपुर सहसवान घराने से ताल्लुक रखते थे. उन्होनें हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की दुनिया को नाम रोशन करने की वजह से कई नेशनल और इंटरनेशनल अवार्ड मिल चुके हैं. उत्तर प्रदेश के बदायूं में पैदा हुए उस्ताद खान को पद्म श्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण, संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया और 17 जनवरी, 2021 को 90 साल की उम्र में उन्होंने मुंबई में आखिरी सांस ली थी. उन्होंने आशा भोसले, ए.आर. रहमान, हरिहरन, शान, शिल्पा राव, अपने बेटों और पोते-पोतियों और कई दूसरे कलाकारों के संगीत करियर को संवारने में अहम रोल अदा किया है. जबकि दिवंगत भारत रत्न लता मंगेशकर ने इस बात को माना था कि उन्हें उस्ताद खान से बहुत कुछ सीखने को मिला.

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