उन्होंने कहा कि भारत और तमिलनाडु में, हमें इस मामले का सामना करने की तैयारी करनी चाहिए लेकिन मुझे खदशा है कि मोदी हुकूमत सीएए के खिलाफ कोरोनोवायरस का इस्तेमाल कर सकती है.
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नई दिल्ली: कोरोना वायरस दुनिया भर में लोगों को अपनी ज़द में लेता जा रहा है. इस वायरस से हिंदुस्तान में 114 लोग मुतास्सिर हैं जबकि अब तक एक की मौत भी हो गई है. इस वायरस को आलमी वबा भी करार दिया जा चुका है और इसको हर कोई बेहद संजीदगी से ले रहा है लेकिन कुछ सियासी लोग अपने सियासी बयनात देने से ऐसे मौके भी नही छोड़ते.
दरअसल तमिलनाडु कांग्रेस सद्र ने एक बयान दिया है जिसके बाद वो मज़ाद के सबब बन गए. उन्होंने कहा कि भारत और तमिलनाडु में, हमें इस मामले का सामना करने की तैयारी करनी चाहिए लेकिन मुझे खदशा है कि मोदी हुकूमत सीएए के खिलाफ कोरोनोवायरस का इस्तेमाल कर सकती है. यह मेरा अपना खदशा है.
तमिलनाडू कांग्रेस सद्र केएस अलागिरी का ये बयान खूब चर्चा में है, हालांकि पार्टी ने इसे उनका ज़ाती बयान करार दिया है लेकिन रियासत के वज़ीर पंडिया राजन का कहना है कि अलागिरी का ये बयान एक मज़ाक से ज्यादा कुछ नहीं समझ रहे हैं.
कोरोना वायरस को लेकर कांग्रेस के रियासती सद्र का ये बयान मुस्लिम हल्के में भी बिला मक़सद बताया जा रहा है. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सीटी के स्कालर रेहान अख्तर ने कहा है कि हर बात में सियासत ठीक नहीं होती. ऐसी बाते छोड़ सबको मिलकर इस वबा से बचाव के तरीके पर अमल करना चाहिए.
कोराना जैसी खतरनाक बीमारी को सीएए से जोड़ कर देखने वाले अलागिरी भले ही इसे एक खदशा बता रहे हों लेकिन सियासी हल्के में इसके कई मायने निकाले जाने लगे हैं. ऐसे में ज़रूरत है सियासी जमातों को अपने लीडरान पर काबू रखने की. CAA को लेकर कौमी दारुल-हुकूमत को जलाने वाले ऐसे ही बयानात थे. जिसे एक अमन पसन्द शहरी किसी भी सुरत में याद नहीं करना चाहता.