Tripura By election 2023: पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में जारी हिंसा के बाद ऐसा माना जा रहा था कि पूर्वोत्तर के राज्यों में अब वहां के अल्पसंख्यक और आदिवासी समुदाय का भाजपा से मोहभंग हो जाएगा, लेकिन त्रिपुरा उपचुनाव में भाजपा को मिली जीत ने सारे आकलन फेल कर दिए हैं.
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नई दिल्लीः भारत के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में पिछले 3 माह से जारी हिंसा के बावजूद पूर्वोत्तर के ही एक राज्य त्रिपुरा में दो विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा की जीत ने विपक्षी पार्टियों के साथ ही देशभर के चुनावी विश्लेषकों को चौंका दिया है. खास बात यह भी है कि दो सीटों पर हुए चुनाव में एक मुस्लिम उम्मीदवार ने भी जीत दर्ज की है. त्रिपुरा में सिर्फ 8 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है जबकि लगभग 83 फीसदी हिंदू आबादी है, इसके बावजूद एक मुस्लिम उम्मीदवार की जीत भाजपा के इस राज्य में मजबूत हो रहे जनाधार पर मुहर की तरह है.
गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी ने त्रिपुरा में धनपुर और बॉक्सानगर विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में शुक्रवार को जीत दर्ज की है, जबकि पूर्वोत्तर का यह राज्य कभी वामपंथियों का गढ़ माना जाता था. भाजपा ने सात महीने पहले त्रिपुरा में हुए विधानसभा चुनाव में पहली बार धनपुर सीट पर जीत हासिल की थी और उपचुनाव में यह सीट पार्टी ने बरकरार रखी है. वहीं सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा ने उपचुनाव में बड़ी जीत हासिल करते हुए अल्पसंख्यक बहुल बॉक्सानगर सीट माकपा से छीन ली है.
निर्वाचन आयोग के मुताबिक, भाजपा के तफ्फजल हुसैन ने बॉक्सानगर सीट पर 30,237 वोटों से जीत दर्ज की है. तफ्फजल हुसैन की जीत की वजह ये है कि राज्य में भले ही मुस्लिम आबादी सिर्फ 8 प्रतिशत है, लेकिन बॉक्सानगर सीट सीट पर तकरीबन 66 फीसदी वोटर्स अल्पसंख्यक समुदाय से आते हैं. हुसैन को 34,146 वोट मिले जबकि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के उम्मीदवार और तफ्फजल हुसैन के नजदीकी हरीफ मिजान हुसैन को 3,909 वोट मिले है.
वहीं, धनपुर सीट पर भाजपा प्रत्याशी बिंदू देबनाथ ने 18,871 मतों से जीत दर्ज की है. इस सीट पर मतदाताओं का एक बड़ा तबका आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखता है. देबनाथ को 30,017 वोट मिले और माकपा के उनके करीबी हरीफ कौशिक चंदा को 11,146 वोट मिले.
भाजपा प्रत्याशी बिंदू देबनाथ
राज्य में दोनों सीटों पर जीत के बाद भाजपा के सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘भाजपा ने त्रिपुरा में दोनों विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की...कम्युनिस्टों के लिए रास्ते बंद, जो कभी उनका गढ़ था.’’
गौरतलब है कि उपचुनाव के लिए पांच सितंबर को मतदान हुआ था. दोनों सीटों पर औसतन 86.50 फीसदी मतदान हुआ था. माकपा विधायक समसुल हक की मौत के बाद बॉक्सानगर निर्वाचन क्षेत्र में उपचुनाव कराया गया था. वहीं, केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक के धनपुर के विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद इस सीट पर उपचुनाव कराया गया है.
माकपा जल्द ही त्रिपुरा में अतीत की पार्टी बनकर रह जाएगी
बॉक्सानगर सीट से जीत हासिल करने वाले हुसैन ने कहा कि लोगों ने माकपा को सबक सिखाने के लिए बड़ी तादाद में भाजपा को वोट दिया है. उन्होंने दावा किया, ‘‘फरवरी में हुए विधानसभा चुनाव में माकपा ने अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को गुमराह करके यह सीट जीत ली थी, लेकिन इस बार, उन्होंने माकपा को सबक सिखाने के लिए बड़ी तादाद में भाजपा को वोट दिया है. माकपा जल्द ही त्रिपुरा में अतीत की पार्टी बनकर रह जाएगी.’’
विधानसभा में भाजपा के सदस्यों की तादाद अब 33
इस जीत के साथ ही 60 सदस्यीय त्रिपुरा विधानसभा में भाजपा के सदस्यों की तादाद अब 33 हो गई है. विधानसभा में उसके सहयोगी दल इंडीजीनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) का एक विधायक है, जबकि विपक्षी टिपरा मोथा के 13, माकपा के 10 और कांग्रेस के तीन विधायक हैं.
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