Nagpur: आरएसएस चीफ़ मोहन भागवत ने मांस खाने वाले लोगों को अनुशासन का पालन करने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि सही खाने खाने से दिमाग़ सही काम करता है और ग़लत खाना हमें ग़लत रास्ते पर ले जाता है.
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Mohan Bhagwat: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के चीफ़ मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने नागपुर में लोगों को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि मासाहारी खाने वाले लोगों को खाना खाते समय अनुशासन का पालन करने की कोशिश करना चाहिए. आरएसएस प्रमुख में अपने संबोधन के दौरान कहा कि ग़लत खाना खाकर लोग ग़लत रास्ते पर जाते हैं, इसलिए मांस-मछली वाला 'तामसी' खाना नहीं खाना चाहिए. भागवत ने आगे कहा कि "भारत के हर व्यक्ति में जो भारत की आत्मा काम करती है वो हमको बनना है. भारत का एक मन, भारत की एक बुद्धि और भारत की एक आत्मा है, भारत का आत्मस्वरूप सत्य है. भारत बना ही सत्य के साक्षात्कार से है".
मोहन भागवत ने कहा कि लोगों को तामसिक भोजन करने से परहेज़ करना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर आप ग़लत खाना खाते हैं, तो आपके ग़लत रास्ते पर जाने में देर नहीं लगती इसलिए तामसिक भोजन का इस्तेमाल न करें. पश्चिम के देशों से तुलना करते हुए आरएसएस प्रमुख ने कहा "कि हिन्दुस्तान में जो लोग मीट या मछली का इस्तेमाल करते हैं, वे सावन के महीने में और हफ्ते के कुछ दिन अपनी दैनिक खाने की आदतों को छोड़ देते हैं. भागवत ने कहा कि लोगों को नॉन वेज खाते वक्त अनुशासन रखना चाहिए, ताकि उनका एकाग्र हो सके"
मोहन भागवत ने कहा कि लोगों को तासमिक खाना नहीं खाना चाहिए. लोगों को ऐसा भोजन करने से बचना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से दिमाग़ सही जगह केंद्रित होता है और ठीक तरीक़े से काम करता है. उन्होने कहा कि भारत में ऐसे लोग हैं जो दुनिया में किसी और देश की तरह ही मांस का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन भारत में जो लोग मांसाहारी हैं वे संयम का पालन करको हुए ऐसा खाना खाते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे लोग सावन के महीने में कुछ विशेष दिनों में मांस खाते से परहेज़ करते हैं.
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