Opposition Leaders Reaction on Budget: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को लोकसभा में आम बजट पेश किया. बजट पेश करने के दौरान कई अहम स्कीमों का ऐलान किया गया. इस बजट को बीजेपी ने जनता की उम्मीदों का बजट बताकर तारीफ़ की, तो वहीं दूसरी ओर अपोज़िशन ने इसे मायूसी भरा बजट बताते हुए केंद्र सरकार को घेरा.
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Opposition on Budget: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को लोकसभा में आम बजट पेश किया. बजट पेश करने के दौरान कई अहम स्कीमों का ऐलान किया गया. इस बजट को बीजेपी ने जनता की उम्मीदों का बजट बताकर तारीफ़ की, तो वहीं दूसरी ओर अपोज़िशन ने इसे मायूसी भरा बजट बताते हुए केंद्र सरकार को घेरा.
बजट में ग़रीबों की अनदेखी: ममता
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने आम बजट को जनविरोधी क़रार दिया हैं.ममता ने कहा कि आम बजट में ग़रीबों का ध्यान नहीं रखा गया. उन्होंने दावा किया कि आयकर स्लैब में बदलाव से किसी को कई मदद नहीं मिलेगी. ममता ने कहा कि यह सिर्फ़ एक वर्ग के लोगों को लाभान्वित करेगा. यह बजट देश की बेरोज़गारी के मुद्दे को हल करने में मदद नहीं करेगा. इसे 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है.
बजट में कुछ नया नहीं: महबूबा
बजट पर पीटीपी चीफ़ महबूबा मुफ्ती ने कहा कि बजट वही है जो हम पिछले आठ-नौ सालों से देख रहे हैं, टैक्स बढ़ गए हैं, कल्याणकारी योजनाएं गायब हो गई हैं, सब्सिडी पर कोई पैसा खर्च नहीं किया जा रहा है, सिर्फ बड़े और चुनिंदा बिज़नेसमैन को फायदा पहुंचाने के लिए टैक्स वसूला जा रहा है.
चंद बड़े लोगों को फ़ायदा: अखिलेश
समाजवादी पार्टी के सद्र अखिलेश यादव ने बजट पर अपना रिएक्शन दिया. अखिलेश ने ट्वीट किया, '' बीजेपी अपने बजट का दशक पूरा कर रही है, पर जब जनता को पहले कुछ न दिया तो अब क्या देगी". उन्होंने कहा, "भाजपाई बजट महंगाई एवं बेरोज़गारी को और बढ़ाता है. किसान, मज़दूर, युवा, महिला, नौकरीपेशा, व्यापारी वर्ग में इससे आशा नहीं निराशा बढ़ती है क्योंकि ये चंद बड़े लोगों को ही लाभ पहुंचाने के लिए बनता है.
अवाम को महंगाई से राहत नहीं: केजरीवाल
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल में ट्वीट करते हुए कहा कि "इस बजट से अवाम को महंगाई से कोई राहत नहीं मिली हैं, बल्कि इस बजट से और महंगाई बढ़ेगी. केजरीवाल ने कहा कि बेरोज़गारी दूर करने की कोई ठोस योजना नहीं हैं. शिक्षा बजट को घटाकर 2.64 फीसद से 2.5 फीसद करना दुर्भाग्यपूर्ण हैं. स्वास्थ्य बजट घटाकर 2.2 फीसद से 1.98 फीसद करना हानिकारक है.
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