Union Budget 2024: महिलाओं के लिए 3 लाख करोड़, फिर भी सरकार से इस बात से दुखी है आधी आबादी
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Union Budget 2024: महिलाओं के लिए 3 लाख करोड़, फिर भी सरकार से इस बात से दुखी है आधी आबादी

Union Budget 2024: सरकार ने महिलाओं और लड़कियों को लाभ पहुंचाने वाली योजनाओं के लिए 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक की घोषणा की है. इसके बावजूद महिलाएं मानती हैं कि उनकी मूल समस्या बढती हुई महंगाई है. सरकार को पहले इसे कम करने पर काम करना चाहिए.

अलामती तस्वीर

नई दिल्ली:  केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को अपना सातवां बजट पेश करते हुए कहा, " वर्कफ़ोर्स में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना सरकार की प्राथमिकता होगी. " हॉस्टल कायम करने, महिला-विशिष्ट कौशल प्रोग्राम आयोजित करने और महिला स्वयं सहायता समूह उद्यमों के लिए बाजार पहुंच को बढ़ावा देने के लिए साझेदारी बनाकर इसे सुविधाजनक बनाया जाएगा." महिलाओं और लड़कियों को फायदा पहुंचाने वाली योजनाओं के लिए 3 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रकम का बजट में ऐलान किया गया है. सरकार ने 20 लाख लड़कियों को कौशलयुक्त करने का लक्ष्य तय किया है.  इसके अलावा घर की औरतों के नाम पर प्रॉपर्टी खरीदने पर रजिस्ट्री के दौरान लगने वाली स्टाम्प ड्यूटी पर भी राहत देने का ऐलान किया गया है. 

कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास : वित्त मंत्री
सरकार ने महिलाओं को नौकरी के दौरान किसी भी तरह की कोई दिक्कत न हो, इसके लिए कार्यस्थल पर छोटे बच्चों की देखभाल के लिए क्रेच और होस्टल बनाने का ऐलान किया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार वर्किंग क्लास में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए कामकाजी महिला होस्टल कायम करेगी. 
उन्होंने कहा, "हम उद्योगों की मदद से कामकाजी महिला छात्रावास और क्रेच कायम कर कार्यबल में महिलाओं की उच्च भागीदारी की सुविधा मुहैया करेंगे. इसके अलावा साझेदारी महिला विशिष्ट कौशल कार्यक्रमों को व्यवस्थित करने और महिला एसएचजी उद्यमों के लिए बाजार पहुंच को बढ़ावा देने की कोशिश करेगी।" .

इस बजट का ख़ास आकर्षण पहली बार काम करने वाले कर्मचारियों के लिए एक महीने का वेतन देना है, जो उन्हें भविष्य निधि योगदान के रूप में दिया जाएगा. इसके अलावा 500 स्थापित कंपनियों में इंटर्नशिप का भी प्रावधान किया जाएगा. इंटर्नशिप स्कीम के तहत 5000 रुपये का इंटर्नशिप भत्ता और 6,000 रुपये की एकमुश्त मदद दी जायेगी. इन दोनों स्कीमों का फायदा महिला और पुरुष दोनों उमीदवारों को मिलेगा. 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि महिला कल्याण और सशक्तिकरण के लिए आवंटित रकम में वित्त वर्ष 2014 से वित्त वर्ष 25 तक 218.8 फीसदी का इजाफा देखा गया है. यह इजाफा महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास से महिलाओं के विकास की तरफ बढ़ने के भारत के दृढ़ संकल्प का संकेत है. वहीँ महिलाओं का मानना है कि मूल समस्या बढ़ती हुई महंगाई है, इसपर रोक लगाया जान ज्यादा ज़रूरी है. 

उषा ठाकुर ने कहा कि बजट अच्छा है, लेकिन महंगाई पर नियंत्रण करना भी ज्यादा जरूरी है. रसोई गैस की कीमत बहुत बढ़ गयी है, इसमें कमी होनी चाहिए. दाल, आटा, चावल तेल जैसी खाने-पीने की चीजों की कीमतों में बेतहाशा इजाफा हुआ है. महंगाई कम होगी तो हम अपनी ज़िन्दगी को बेहतर बना सकेंगे. 

संगीता जाधव ने कहा कि हमें उम्मीद थी कि इस बार बजट में महिलाओं के लिए कुछ ख़ास किया जाएगा. महंगाई में भी कमी आएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. 

मोबिना खातून ने भी सरकार से महंगाई कम करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि घरेलू गैस और खाद्य सामग्री की कीमतों में कमी होनी चाहिए. ये सीधे तौर पर महिलाओं से जुड़ा मामला है. 

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