"राम के वचनों, विचारों और शासन से बने मूल्य 'सबका साथ, सबका विकास’ की प्रेरणा हैं"
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"राम के वचनों, विचारों और शासन से बने मूल्य 'सबका साथ, सबका विकास’ की प्रेरणा हैं"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इतवार को राम जन्मभूमि पर रामलला की पूजा अर्चना की. मोदी ने सरयू तट पर भव्य संगीतमय लेजर शो के साथ-साथ राम की पैड़ी में 3-डी होलोग्राफिक प्रोजेक्शन मैपिंग शो में भी हिस्सा लिया. 

"राम के वचनों, विचारों और शासन से बने मूल्य 'सबका साथ, सबका विकास’ की प्रेरणा हैं"

अयोध्याः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवान श्रीराम के आदर्शों को उन्नत भारत की उम्मीदों की पूर्ति के लिए प्रकाश स्तंभ करार दिया है. उन्होंने इतवार को कहा कि राम के वचनों, विचारों और शासन ने जिन मूल्यों को गढ़ा है वह ’सबका साथ, सबका विकास’ के लिए  प्रेरणा देती है. प्रधानमंत्री ने अयोध्या में शानदार दीपोत्सव कार्यक्रम के मौके पर अपने खिताब में कहा, ’’इस बार दीपावली एक ऐसे वक्त में आई है जब हमने कुछ समय पहले ही आजादी के 75 वर्ष पूरे किए हैं. हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं. इस अमृत काल में भगवान राम जैसी संकल्प शक्ति देश को नई ऊंचाई पर ले जाएगी.“ इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम जन्मभूमि पर रामलला की पूजा अर्चना की. राम मंदिर के निर्माण के लिए पांच अगस्त, 2020 को ‘भूमि पूजन’ करने के बाद यह पहला मौका है जब प्रधानमंत्री अयोध्या पहुंचे हैं.

राम के आदर्श हमें हौसला देंगे 
मोदी ने कहा “अगले 25 वर्षों में तरक्की याफ्ता भारत की उम्मीदों के लिए आगे बढ़ रहे हिंदुस्तानियों के लिए श्री राम के आदर्श उस प्रकाश स्तंभ की तरह हैं जो हमें मुश्किल से मुश्किल लक्ष्यों को हासिल करने का हौसला देंगे.“ प्रधानमंत्री ने कहा “संयोग देखिए. हमारे संविधान की मूल प्रति पर भगवान राम, मां सीता और लक्ष्मण जी की तस्वीरें अंकित है. संविधान का वह पेज भी मौलिक अधिकारों की बात करता है. इसलिए हम जितना कर्तव्यों के संकल्प को मजबूत करेंगे राम जैसे राज्य की संकल्पना उतनी ही साकार होती जाएगी.“ 

कभी राम के वजूद पर सवाल खड़े किए गए  
मोदी ने किसी का नाम लिए बगैर कहा, “एक वक्त था जब राम के बारे में हमारी संस्कृति और सभ्यता के बारे में बात करने तक से बचा जाता था. इसी मुल्क में राम के वजूद पर सवाल खड़े किए जाते थे. उसका नतीजा क्या हुआ, हमारे धार्मिक, सांस्कृतिक स्थान और नगर पीछे छूटते चले गए.’’ उन्होंने कहा, “पिछले आठ वर्षों में देश ने हीन भावना की इन बेड़ियों को तोड़ा है. हमने भारत के तीर्थों के विकास की एक समग्र सोच को सामने रखा है. हमने राम मंदिर और काशी विश्वनाथ धाम से लेकर केदारनाथ और महाकाल महालोक तक उपेक्षा के शिकार हमारे आस्था के स्थानों के गौरव को पुनर्जीवित किया है.

15 लाख से ज्यादा दीये जलाए गए
दीपोत्सव समारोह के लिए अयोध्या पहुंचने के तुरंत बाद प्रधानमंत्री राम मंदिर गए और राम लला की पूजा अर्चना की. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में प्रधानमंत्री का इस्तकबाल किया. मोदी ने सरयू तट पर भव्य संगीतमय लेजर शो के साथ-साथ राम की पैड़ी में 3-डी होलोग्राफिक प्रोजेक्शन मैपिंग शो में भी हिस्सा लिया. ’राम की पैड़ी में 22,000 से ज्यादा स्वयंसेवकों द्वारा 15 लाख से ज्यादा दीये जलाए गए हैं. 

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