इन कंपनियों ने वर्कर्स को दिया तोहफा, सुन कर आप भी कहेंगे 'हमें यहीं करना है काम'
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इन कंपनियों ने वर्कर्स को दिया तोहफा, सुन कर आप भी कहेंगे 'हमें यहीं करना है काम'

Four Day Working: दुनिया के कई देश अपने वर्कर्स की पर्सनल लाइफ और काम में बैलेंस बनाने के लिए चार दिन काम और तीन दिन की छुट्टी के फॉर्मूले पर काम कर रहे हैं.

इन कंपनियों ने वर्कर्स को दिया तोहफा, सुन कर आप भी कहेंगे 'हमें यहीं करना है काम'

नई दिल्ली: जॉब करना आजीविका कमाने का तरीका है. हममे से ज्यादातर लोग अपनी जिंदगी के खर्च पूरे करने के लिए जॉब करते हैं. इसलिए हम सब ही अच्छी जॉब की तलाश में हमेशा जुटे रहते हैं. उस जॉब में अपने क़दम जमाए रखने के लिए दिन रात मेहनत करते हैं. पूरे हफ्ते के बाद जब आपको एक ऑफ मिलता है तो उसे आप आराम करने में गुज़ार देते हैं. इसका नतीजा यह निकलता है कि हम सब अपनी पर्सनल लाइफ को बिलकुल भूल जाते हैं. लेकिन अगर हम आपसे कहें कि अब आपको हफ्ते में सिर्फ 4 दिन काम करना होगा और बाक़ी के दिन आराम. तो आप क्या कहेंगे. ये तो बस तसव्वुर में हो सकता है. तो हम आपको बता दें कि ये सिर्फ तसव्वुर नहीं है बल्कि हक़ीक़त है. कुछ देशों ने अपने वर्करों के लिए हफ्ते में 4 दिन काम और 3 दिन छुट्टी के फॉर्मूला का ऐलान कर दिया है. अब इस कड़ी में ब्रिटेन भी शामिल हो गया है.

ब्रिटेन का पायलट प्रोग्राम
दुनिया के कई देश अपने वर्कर्स की पर्सनल लाइफ और काम में बैलेंस बनाने के लिए चार दिन काम और तीन दिन की छुट्टी के फॉर्मूले पर काम कर रहे हैं. जिसमें ब्रिटेन भी शामिल हो गया है. हालांकि ब्रिटेन ने इसे 6 महीने के पायलट प्रोग्राम के तौर पर शुरू किया है. यह पायलट प्रोग्राम गैर-लाभकारी समूहों फोर डे वीक ग्लोबल, फोर डे वीक यूके कैंपेन और ऑटोनॉमी की तरफ से शुरू किया गया है. जिसमें 70 कंपनियों के हज़ारों वर्कर्स हिस्सा ले रहे हैं. इनमें बैंकिंग, मार्केटिंग, रिटेल, फाइनेंस समेत कई अन्य क्षेत्रों के लोग शामिल हैं. जिसके रिज़ल्ट का ऐलान साल 2023 में होगा. इस पायलट प्रोग्राम में यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि हफ्ते में 4 दिन काम और 3 दिन छुट्टी देने पर वर्कर्स की ज़िंदगी और उनके काम की क्वालिटी में क्या बदलाव आएगा.

फॉर्मूले से मानसिक स्वास्थ्य में होगा सुधार
वैसे तो ब्रिटेन की कई कंपनियां पहले से ही हफ्ते में 4 दिन काम के फॉर्मूले पर काम कर ही रही हैं लेकिन अबकी बार इसे बड़े पैमाने पर शुरू किया गया है. लोगों का मानना है कि इस फॉर्मूले से मानसिक स्वास्थ्य में होगा सुधार और साथ ही लोगों की काम की क्वालिटी में भी सुधार आएगा. इसलिए सरकार ने इसे बड़े पैमाने पर शुरू किया है. अगर सरकार को इसका रिज़ल्ट उम्मीद के मुताबिक मिला तो फिर ब्रिटेन सरकार इस पर नियम बना सकती है.

सैलरी में नहीं होगी कटौती
आप सब सोच रहे होंगे कि अगर हफ्ते में तीन छुट्टियां मिलेंगी तो कहीं आपकी सैलरी ना काट ली जाए. तो हम आपको बता दें आपकी सैलरी बिल्कुल भी नहीं काटी जाएगी महीना पूरा होने पर आपको आपकी पूरी सैलरी दी जाएगी. सैलरी पूरी और छुट्टियां ज़्यादा यानी मौजा ही मौजा.

कई देशों में पहले ही हो चुकी है शुरुआत
कई देश पहले से ही फोर डे वीक क्लब में शामिल हैं. जैसे यूएई, यूएई ने साल 2022 से इस व्यवस्था को लागू कर दिया था. जापानी कंपनी पैनासोनिक ने हफ्ते में चार दिन काम की व्यवस्था शुरू की है. न्यूजीलैंड में मल्टीनेशनल कंपनी यूनिलीवर ने अपने वर्कर्स के लिए इसकी शुरुआत की है. इसके अलावा कनाडा, आइसलैंड, स्पेन और अमेरिका में इस तरह के फॉर्मूले पर काम शुरू हो चुका है.

फोर डे वीक क्लब में शामिल होगा हिंदुस्तान?
हिंदुस्तान में भी इस तरह के फॉर्मूले पर चर्चा चल रही है. अगर हिंदुस्तान में फॉर्मूले को लागू किया गया तो रोजाना काम करने के घंटों में तब्दीली की जा सकती है. अभी हिंदुस्तान में दिन में 8-9 घंटे की जॉब टाइमिंग होती है. पर अगर हिंदुस्तान फोर डे वीक क्लब में शामिल होता है तो 8-9 घंटे की जगह दिन में 12 घंटे का करना पड़ सकता है.

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