Asaduddin Owaisi on India China Relations: भारत और चीन बीच एक समझौता हुआ है, जिसके तहत दोनों देशों की सेना LAC पर गश्त करेगी. जिसपर असदुद्दीन ओवैसी ने जमकर हमला निशाना साधा है.
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Asaduddin Owaisi on India China Relations: भारत और चीन के बीच कई दशकों से LAC पर विवाद चल रहा है, इस बीच दोनों देशों के बीच एक समझौता हुआ है, जिसके तहत दोनों देशों की सेना LAC पर गश्त करेगी. इस समझौते को बीजेपी नेता विदेश नीति की जीत बता रहे हैं. वहीं, AIMIM चीफ और हैदराबाद के लोकसभा सांसद असदुद्दीन औवसी ने बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधा है.
बीजेपी पर ओवैसी ने साधा निशाना
ओवैसी ने एक्स पर लिखा कि हम चीन के साथ किए गए समझौते के पूरी जानकारी का इंतजार कर रहे हैं. विदेश सचिव की भाषा समझ में नहीं आई है. उम्मीद है कि भारतीय गश्त के अधिकार बहाल करने के साथ ही पीएलए को उन इलाकों में पहुंचने की इजाजत नहीं दी जाएगी, जहां वह पहले नहीं पहुंच पा रही थी.
We await the details about the details of the arrangement that has been agreed upon with China. The foreign secretary’s language was cryptic. Let’s hope that while restoring Indian patrolling rights, it doesn’t allow the PLA access to areas it was not coming to earlier.
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) October 21, 2024
उन्होंने आगे लिखा कि हमें सीमावर्ती क्षेत्रों में सैनिकों की वापसी की शर्तों को भी जानना होगा. साल 2017 के बाद डोकलाम में जो कुछ हमने देखा, उसकी पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए, जहां पीएलए ने क्षेत्र में स्थायी उपस्थिति हासिल कर ली थी. जब तक पूरी जानकारी उपलब्ध नहीं हो जाती, तब तक परिणाम के बारे में निश्चित होना मुश्किल है.
क्या है पूरा मामला
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने घोषणा की है कि भारत और चीन दोनों देशों के अधिकारियों के बीच हाल ही में हुई बातचीत के बाद पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर गश्त व्यवस्था पर एक समझौते पर पहुँच गए हैं. मिस्री ने कहा, "हम चीन के साथ चर्चा किए जा रहे मुद्दों पर एक समझौते पर पहुँच गए हैं."
दोनों देशों के सैनिक पीछे हटेंगे
मिसरी ने कहा कि इससे सैनिकों की वापसी की संभावना है. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि इस घटनाक्रम से सीमा से सैनिकों की अंतिम वापसी की उम्मीद है. पिछले कई हफ्तों से चल रही चर्चाओं के बीच भारत-चीन सीमा क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गश्त व्यवस्था पर एक समझौता हुआ है और इससे सैनिकों की वापसी और 2020 में इन क्षेत्रों में उत्पन्न मुद्दों के समाधान की ओर अग्रसर है.