Cryptocurrency: नाम तो सुना होगा लेकिन समझते नहीं हैं, तो आइए, इस 'सीक्रेट' करेंसी के बारे में जानते हैं...
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Cryptocurrency: नाम तो सुना होगा लेकिन समझते नहीं हैं, तो आइए, इस 'सीक्रेट' करेंसी के बारे में जानते हैं...

आसान भाषा में कहें तो क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एक डिजिटल कैश (Digital Money) प्रणाली है, जो कम्प्यूटर एल्गोरिदम पर बनी है. यह सिर्फ डिजिट के रूप में ऑनलाइन रहती है. इस पर किसी भी देश या सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है. 

 

 Cryptocurrency को जानें

ददन विश्वकर्मा/नई दिल्ली: क्रिप्टोकरेंसी को लेकर आजकल खूब चर्चा हो रही है. बिटक्वॉइन (Bitcoin) के एक क्रिप्टोकरेंसी है. इस आर्टिकल में हमको आप इसी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के बारे में विस्तार से बारे में बताएंगे. इसके हर पहलू से आपको रू-ब-रू कराएंगे, साथ ही बताएंगे कि इसका भारत में चलन है या नहीं, इसका भविष्य में इस्तेमाल कैसे होगा? क्रिप्टोकरेंसी की पूरी एबीसीडी के बारे में हमारे एक्सपर्ट क्षितिज पुरोहित ने हमें खुलकर बताया है.

क्या होती है क्रिप्टोकरेंसी?

Cryptocurrency दो शब्दों से मिलकर बना शब्द है. Crypto जोकि लैटिन भाषा का शब्द है जो cryptography से बना है और जिसका मतलब होता है, छुपा हुआ/हुई. जबकि Currency भी लैटिन के currentia से आया है, जो कि रुपये-पैसे के लिए इस्तेमाल होता है. तो क्रिप्टोकरेंसी का मतलब हुआ छुपा हुआ पैसा. या गुप्त पैसा. या डिजिटल रुपया. कैपिटल वाया ग्लोबल रिसर्च लिमिटेड के इंटरनेशनल एंड कमोडिटीज रिसर्च के लीड और क्रिप्टोकरेंसी पर गहरी पकड़ रखने वाले क्षितिज पुरोहित (Kshitij Purohit) बताते हैं कि आमतौर पर क्रिप्टोकरेंसी एक तरह का डिजिटल पैसा है, जिसे आप छू तो नहीं सकते, लेकिन रख सकते हैं. यानी यह मुद्रा का एक डिजिटल रूप है. यह किसी सिक्के या नोट की तरह ठोस रूप में आपकी जेब में नहीं होता है. यह पूरी तरह से ऑनलाइन होता है. इसे आसान भाषा में ऐसे समझिए कि हर देश की अपनी मुद्रा (Currency) है. जैसे कि भारत के पास रुपया, अमेरिका के पास डॉलर, सउदी अरब के पास रियाल, इंग्लैंड के पास यूरो है. हर देश की अपनी-अपनी करेंसी हैं. यानी एक ऐसी धन-प्रणाली जो किसी देश द्वारा मान्य हो और वहां के लोग इसके इस्तेमाल से जरूरी चीजें खरीद सकते हों. यानी जिसकी कोई वैल्यू हो, करेंसी (Currency) कहलाती है. 

किसने बनाई और क्यों बनाई?
इस बारे में क्षितिज बताते हैं कि बहुत सारे लोग मानते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी 2009 में सतोशी नाकामोतो ने शुरू किया था, लेकिन ऐसा नहीं है. इससे पहले भी कई निवेशकों ने या देशों ने डिजिटल मुद्रा पर काम किया था. यूएस ने 1996 मुख्य इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड बनाया था, ऐसा गोल्ड जिसे रखा नहीं जा सकता था, लेकिन इससे दूसरी चीजें खरीदी जा सकती थीं. हालांकि 2008 इसे बैन कर दिया गया. वैसा ही 2000 की साल में नीदरलैंड ने पेट्रोल भरने के लिए कैश को स्मार्ट कार्ड से जोड़ा था. 

Bitcoin सबसे महंगी Virtual Currency
आसान भाषा में कहें तो क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल कैश प्रणाली है, जो कम्प्यूटर एल्गोरिदम पर बनी है. यह सिर्फ डिजिट के रूप में ऑनलाइन रहती है. इस पर किसी भी देश या सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है. शुरुआत में इसे अवैध करार दिया गया था. लेकिन बाद में Bitcoin की बढ़ती लोकप्रियता के चलते इसे कई देशों में लीगल कर दिया गया है. कुछ देश तो अपनी खुद की क्रिप्टोकरेंसी ला रहे हैं. Bitcoin दुनिया की सबसे महंगी वर्चुअल करेंसी है. 

कैसे काम करती है Cryptocurrency?
पिछले कुछ सालों से क्रिप्टोकरेंसी मुद्राओं की लोकप्रियता बढ़ी है. इन्हें ब्लॉकचेन सॉफ़्टवेयर के ज़रिए इस्तेमाल किया जाता है. ये डिजिटल मुद्रा इनक्रिप्टेड यानी कोडेड होती हैं. इसे एक डिसेंट्रेलाइज्ड सिस्टम के जरिए मैनेज किया जाता है. इसमें प्रत्येक लेन-देन का डिजिटल सिग्नेचर द्वारा वेरिफिकेशन होता है. क्रिप्टोग्राफी की मदद से इसका रिकॉर्ड रखा जाता है. क्षितिज बताते हैं कि इसके जरिए खरीदी को क्रिप्टो माइनिंग (Cryptocurrency Mininig) कहा जाता है क्योंकि हर जानकारी का डिजिटल रूप से डेटाबेस तैयार करना पड़ता है. जिनके द्वारा यह माइनिंग की जाती है, उन्हें माइनर्स कहा जाता है. आसान भाषा में और समझें तो क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारिक एक वर्चुअल करेंसी है जो क्रिप्टोग्राफी द्वारा सुरक्षित है. यह सारा काम पावरफुल कंप्यूटर्स के जरिए होता है. क्षितिज तो यहां तक कहते हैं कि इसके कोड को कॉपी करना लगभग नामुमकिन है. 

कैसे होता है लेन-देन?
क्रिप्टोकरेंसी में जब भी कोई ट्रैंजेक्शन होता है तो इसकी जानकारी ब्लॉकचेन में दर्ज की जाती है, यानी उसे एक ब्लॉक में रखा जाता है. इस ब्लॉक की सिक्योरिटी और इंक्रिप्शन का काम माइनर्स का होता है. इसके लिए वे एक क्रिप्टोग्राफिक (Cryptographic) पहेली को हल कर ब्लॉक के लिए उचित Hash (एक कोड) खोजते हैं. 

हैश खोजने के बाद क्या होता है?
जब कोई माइनर पुख्ता hash खोजकर ब्लॉक सिक्योर कर देता है तो उसे ब्लॉकचेन से जोड़ दिया जाता है और नेटवर्क में दूसरे नोड (Compuers) के जरिए उसे वेरिफाई किया जाता है. इस प्रक्रिया को आम सहमति (consensus) कहा जाता है. 

आम सहमति मिलने के बाद क्या होता है?
अगर consensus हो गया समझिए ब्लॉक के सिक्योर होने की पुष्टि हो गई. वह सही पाया जाता है तो उसे सिक्योर करने वाले माइनर को क्रिप्टोक्वॉइन (cryptocoin) दे दिए जाते हैं. यह एक रिवार्ड है जिसे काम का सबूत माना जाता है.

कितने की तरह होती हैं?
अब दिमाग में एक सवाल यह भी उठ रहा है कि यह डिजिटल रूप में है तो कितने तरह की होती है. इसको लेकर क्षितिज पुरोहत बताते हैं कि देखा जाये तो कुल 1800 से ज्यादा क्रिप्टो मुद्राएं उपलब्ध हैं. जिन्हें आप Bitcoin के अलावा भी इस्तेमाल कर सकते हैं. एथेरियम (ETH), लिटकोइन (LTC), डॉगकॉइन (Dogecoin) फेयरकॉइन (FAIR), डैश (DASH), पीरकॉइन (PPC), रिपल (XRP) हैं. 

क्रिप्टोकरेंसी पर भरोसा कैसे करें?
क्षितिज कहते हैं कि लोगों ने भविष्यवाणी की थी कि बिटकॉइन लगभग $180-$200 के आसपास आकर खत्म हो जाएगा. लेकिन जनता द्वारा बड़े पैमाने पर अपनाने के साथ और यह अधिक विश्वास प्राप्त कर रहा है. पिछली तिमाही में बिटकॉइन (Bitcoin) के मार्केट कैप में लगभग $700 मिलियन डॉलर जोड़े थे. हालांकि, सितंबर 2020 के बाद से कीमत लगभग दोगुने से अधिक है. 

कई देश लाने वाले हैं क्रिप्टोकरेंसी
हालांकि इस बात पर बहस होती रही है कि यह बबल स्पेस में है और किसी भी समय यह फट सकता है लेकिन बड़े पैमाने पर स्वीकृति और नए निवेशकों द्वारा प्रवेश करने से और अधिक वैल्युएबल हो गया है. भरोसा तो करना ही पड़ेगा क्योंकि कई देश अब अपनी क्रिप्टोकरेंसी लाने पर विचार कर रहे हैं. पहले सरकार इसे बैन करने पर विचार कर रही थी, लेकिन अब इसमें नरमी देखी गई है.

भारतीय मार्केट प्लेयर कौन-कौन हैं?
Bitcoin Wallet हमारे मोबाइल वॉलेट से काफी मिलते-जुलते हैं. जहां हम अपना पैसा स्टोर करते हैं और उसी से ट्रांजेक्शन करते हैं. WazirX, Unocoin, Zebpay भारतीय कंपनियां हैं जो बिटक्वॉइन के कारोबार में हैं. 

क्या कहते हैं WazirX के फाइंडर?
WazirX के फाउंडर और CEO निश्चल शेट्टी ने एक इंटरव्यू में कहा, 'भारत में अभी इसे लेकर बहुत कनफ्यूजन है. क्योंकि देश में इसके लिए कोई रेगुलेशन नहीं है. लोग इसके बारे में सुनते हैं तो डर जाते हैं. वास्तव में इंटरनेट पर मौजूद बहुत सारी चीजें अनरेगुलेटेड हैं. ola, uber सहित ई-कॉमर्स भी अनरेगुलेटेड हैं. 'इन्वेस्टर्स के लिए सबसे जरूरी बात ये है कि रेगुलेटेड नहीं होने से फ्रॉड और स्कैम की संभावना बढ़ जाती है. 

क्रिप्टो कैसे खरीदें और बेचें?
इस सवाल का जवाब भी अब आसान हो गया है. बढ़ती लोकप्रियता के चलते अब बाजार में ढेरो क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म्स हैं. ऐसे में देश में Bitcoin और Dogecoin जैसी क्रिप्टोकरेंसी को खरीदना और बेचना काफी आसान है. पॉपुलर प्लेटफॉर्म्स में WazirX, Zebpay, Coinswitch Kuber और CoinDCX GO के नाम शामिल हैं. इन्वेस्टर्स Coinbase और Binance जैसे इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म्स से Bitcoin, Dogecoin और Ethereum जैसी दूसरी क्रिप्टोकरेंसी भी खरीद सकते हैं. सबसे खास बात यह है कि खरीदारी के ये सभी प्लेटफॉर्म चौबीसों घंटे खुले रहते हैं. क्रिप्टोकरेंसी को खरीदने और बेचने की प्रक्रिया भी काफी आसान है. आपको केवल इन प्लेटफॉर्म्स पर साइन अप करना होगा. इसके बाद अपना KYC प्रोसेस पूरा कर वॉलेट में मनी ट्रांसफर करना होगा. इसके बाद आप खरीदारी कर पाएंगे. 

क्रिप्टो के साथ क्या-क्या किया जा सकता है?
जुलाई को क्रिप्टोकरेंसी से दुनिया का सबसे महंगा हीरा खरीदा गया है. इससे साफ हो गया है कि इससे भौतिक चीजें भी भविष्य में खरीदी जा सकेंगी. हालांति क्रिप्टोकरेंसी को नोट और सिक्कों के रूम में प्रिंट नहीं किया जा सकता है. लेकिन फिर भी इसकी अपनी वैल्यू है. Cryptocurrency से आप सामान खरीद सकते हैं, Trade कर सकते हैं और इन्वेस्ट कर सकते हैं, लेकिन अपनी तिजोरी में नहीं रख सकते. न ही बैंक के लॉकर में रख सकते हैं. क्योंकि यह Digits के रूप ऑनलाइन रहती है. इसे डिजिटल मनी, वर्चुअल मनी और इलेक्ट्रॉनिक मनी भी कहा जाता है. इसकी वैल्यू फिजिकल करेंसी से कहीं ज्यादा है. कुछ टॉप क्रिप्टोकरेंसी की वैल्यू तो डॉलर से भी हजारों गुना ज्यादा है.

Cryptocurrency मार्केट क्या है?
वह जगह जहां cryptocurrencies की खरीद-फरोख्त और ट्रेडिंग होती है. इसे cryptocurrency Exchange, Digital Currency Exchange (DCE), Coin market और Crypto Market जैसे नामों से जाना जाता है. 
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क्रिप्टो का भविष्य क्या है?
Bitcoin के बारे में दो बातें सबसे अहम हैं- एक, ये डिजिटल यानी इंटरनेट के ज़रिए इस्तेमाल होने वाली मुद्रा है और दूसरे, इसे पारंपरिक मुद्रा के विकल्प के तौर पर देखा जाता है. क्रिप्टोकरेंसी को इस समय भरोसे के संकट का सामना करना पड़ रहा है. सरकारें इसे शक़ की निगाहों से देखती हैं और इसे पारंपरिक करेंसी के लिए ख़तरा मानती हैं. सरकारों को ये भी लगता है कि क्रिप्टोकरेंसी एक ऐसी वर्चुअल दुनिया का हिस्सा है जो सरकारी नियंत्रण से मुक्त होने की कोशिश कर रही है और वास्तविक दुनिया के समानांतर चलने की कोशिश कर रही है.

सरकार का क्या है रुख?
अहम बात यह है कि केंद्र सरकार नए प्रस्तावित बिल में क्रिप्टो करेंसी पर पूरी तरह से पाबंदी लगा सकता है. इस बाबत वर्ष 2017 में एक कमेटी का केंद्र ने गठन किया था. इस कमेटी ने क्रिप्टो करेंसी पर पाबंदी लगाने का प्रस्ताव दिया था. ऐसे में क्रिप्टो करेंसी के जानकारों का मानना है कि आने वाले दिनों में सरकार सभी क्रिप्टो करेंसी पर पाबंदी लगाने का फैसला ले सकती है. 

क्या वाकई में क्रिप्टोकरेंसी से कार-गाड़ी जैसी कोई चीज़ खरीद सकते हैं?
इसके जवाब में क्षितिज कहते हैं कि हां, क्रिप्टो एक भारतीय रुपये की तरह है जिसका अपना मूल्य है. अभी, क्रिप्टो दुनियाभर की अधिकांश सरकार द्वारा स्वीकार नहीं किया गया है. जब ऐसा होगा, तो हमारे पास किसी भी अन्य मुद्रा की तरह क्रिप्टो मुद्रा का उपयोग होगा. क्योंकि यह लोगों के बीच साधारण विनिमय का हिस्सा होगा.

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