"ईडी", यह नाम आपने कई बार सुना होगा, क्योंकि यह एजेंसी अक्सर कहीं ना कहीं रेड मारती रहती है और वहां से करोड़ों रुपये बरामद करते हुए भी देखा होगा. लेकिन क्या आपको पता है कि ईडी रेड से पहले क्या क्या करती है? अगर नहीं तो फिर पढ़ें यह खबर
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Enforcement Directorate प्रवर्तन निदेशालय यानी एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट जिसे आम तौर पर लोग ईडी के नाम से जानते है. अक्सर यह एजेंसी लोगों के घरों पर छापे की वजह से सुर्ख़ियों में बनी रहती है. आए दिन कहीं न कहीं से ईडी की रेड की ख़बरें सामने आती रहती हैं. आप हमेशा किसी न किसी माध्यम से सुन ही लेते होंगे कि ईडी ने किसी नेता के घर छापा मारा या फिर किसी बड़े बिज़नेस मैन के घर रेड डाली. या फिर आमदनी से ज़्यादा प्रॉपर्टी रखने के मामले के खिलाफ एक्शन लिया गया.
Prevention of Money Laundering Act यानि PMLA स्पेशल एक्ट है, जिसमें छापे की कार्रवाई करने से पहले ED को मजिस्ट्रेट या कोर्ट से वारंट लेने की ज़रूरत नहीं है. इस केस में ED के अफसर को वारंट जारी करने का हक हासिल है. लेकिन बग़ैर किसी बुनियाद के छापेमारी का ऑर्डर नहीं दिया जा सकता. ठिकानों का फिजिकल वेरिफिकेशन किया जाता है और एक टीम तैयार की जाती है. छापे की खबर लीक होने के डर से लोकल पुलिस की मदद जब तक ज़रूरी न हो तब नहीं ली जाती. टीम इस पर पूरा काम करती है कि रेड के दौरान कोई आरोपी फरार न हो जाए इस लिए घर या आफिस सब जगह आने जाने वाले रास्तों पर ख़ास नज़र रखी जाती है.
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मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों पर शिकंजा कसने और इसमें शामिल जायदाद को जब्त करने के लिए प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग कानून बनाया गया है. इसके ज़रिए गैरकानूनी तरीके से बनाई गई जायदाद को जब्त करने का हक़ दिया गया है. इसके अलावा ED मनी लॉन्ड्रिंग और फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट यानि फेमा से जुड़े मामलों को भी देखती है.पीएमएलए पर पार्लियामेंट ने 2002 में कानून पास किया था. इस कानून का उद्देश्य ब्लैक मनी को व्हाइट मनी में करने की कोशिशों को रोकना है। मनी लॉन्ड्रिंग पर रोक लगाने के लिए PMLA साल 2005 से पूरे देश में लागू है। 2005 में यूपीए सरकार ने इसे लागू किया. उस समय के वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने इसे लागू कराया था.
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एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट का गठन 1956 में हुआ था. ईडी का हेड आफिस नई दिल्ली में है. इसके अलावा मुंबई, कोलकाता, चेन्नई और चंडीगढ़ में भी इसके दफ्तर हैं. ENFORCEMENT DIRECTORATE एक सरकारी एजेंसी है, यह भारत में आर्थिक अपराधों के खिलाफ कार्रवाई करने और आर्थिक कानूनों को लागू कराने का काम करती है।ईडी को फाइनेंशियल मामलों की जांच करने के साथ साथ कुर्की और ज़ब्त करने के अलावा गिरफ्तारी करने का भी अधिकार है.देश से फरार बिजनेस मैन मेहुल चौकसी, विजय माल्या और नीरव मोदी की प्रॉपर्टी को ईडी ने ही कुर्क किया था
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