1965 Indo-Pak War: कैस मजहर हुसैन जिन्हें साल साल 2011 में 46 साल बाद अपनी उस गलती का अहसास हुआ और उन्होंने अपनी इस गलती को मानते हुए 46 साल बाद एक ई-मेल के जरिए माफी नामा भेजा और कैस मजहर ने ये स्वीकार किया कि उन्होंने 19 सितंबर 1965 में भारत-पाक जंग के दौरान हिंदुस्तान के एक मालवाहक विमान को मार गिराया था जिसे हिंदुस्तानी विमान पायलट जहांगीर इंजीनियर चला रहे थे...
कैस मजहर ने इस गलती की माफी मांगने के लिए सबसे पहले उन्होंने हिंदुस्तानी विमान पायलट जहांगीर इंजीनियर की बेटी फरीदा सिंह से ई-मेल के जरिए संपर्क साधा और 1965 में हुई भारत-पाक जंग के दौरान हुए मामले पर अफ़सोस ज़ाहिर किया.
ई-मेल में कैस मजहर ने बताया कि भारत-पाक जंग के वक़्त उन्हें आला अफ़सरान ने ऑर्डर दिया कि एक हिंदुस्तानी विमान कच्छ के रन में हिंदुस्तान-पाकिस्तान सरहद पर तक़रीबन 3 हजार फीट की ऊंचाई घूम रहा है. तभी कैस मजहर के अफ़सरान ने विमान को मार गिराने के लिए कहा.... जब मैंने मारने के लिए उस पर निशाना लगाया तो देखा कि ये सिविलियन जहाज है तो मैंने उस पर छूटते ही फायरिंग शुरू नहीं की. बल्कि मैं उस जहाज के इतने करीब गया कि मैं उसका नंबर भी पढ़ सकता था. मैंने कंट्रोलर को बताया कि इस पर विक्टर टैंगो लिखा हुआ है. ये आठ सीटर असैनिक जहाज है. बताइए इसका क्या करना है?
उन्होंने मुझसे कहा कि आप वहीं रहें और हमारे ऑर्डर का इंतजार करें. इंतजार करते-करते कुछ वक़्त गुजर गया. क्योंकि उस दौरान मुझे काफी फिक्र हो रही थी कि वापस जाते वक़्त कहीं मेरा ईंधन न खत्म हो जाए. लेकिन तभी मेरे पास अफ़सरान का हुक्म आया कि आप इस जहाज को मार गिराओ...
क़ैस हुसैन कहते हैं कि मैंने 100 फुट की दूरी से उस पर असैनिक जहाज पर निशाना लेकर एक बर्स्ट फायर किया. मैंने देखा कि उसके बाएं विंग से कोई चीज़ उड़ी है. उसके बाद मैंने अपनी स्पीड धीमी कर उसे थोड़ा लंबा फायर दिया. फिर मैंने देखा कि उसके दाहिने इंजन से आग की लपटें निकलने लगीं.'
फिर उसने नोज ओवर किया और 90 डिग्री की स्टीप डाइव लेता हुआ जमीन की तरफ गया. जैसे ही उसने जमीन को हिट किया वो आग के गोले में बदल गया और मुझे तभी लग गया कि जहाज में बैठे सभी लोग मारे गए हैं. जिसे देख मुझे बहुत दुख और अफ़सोस हुआ.
पाकिस्तानी एयरफोर्स के पूर्व पायलट कैस मजहर हुसैन की माफी को हिंदु्स्तानी पायलट की बेटी ने सलाम किया. साथ ही जहांगीर इंजीनियर की बेटी फरीदा सिंह ने कहा कि कैस की माफी उनकी बहादुरी को दिखाता है. और जब भी वो कैस से मिलेंगी तो बताएंगी कि कैसे उनके पिता भी एक बहादुर फौजी थे.
Zee Salaam Live TV: