BJP नेता शुभेंदु अधिकारी ने क्यों कहा, "जिसका साथ उसी का विकास, BJP में मुसलमानों की कोई जगह नहीं, बंद करो अल्पसंख्यक मोर्चा"
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BJP नेता शुभेंदु अधिकारी ने क्यों कहा, "जिसका साथ उसी का विकास, BJP में मुसलमानों की कोई जगह नहीं, बंद करो अल्पसंख्यक मोर्चा"

Suvendu Adhikari:  पश्चिम बंगाल के नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने एक विवादित बयान दिया है. वैसे बीजेपी नेता अपने बयानों की वजह से सुर्खियों में बने रहते हैं, लेकिन इस बार फिर उन्होंने ऐसा बयान दिया है, जिससे देश में हंगामा मच गया है.

BJP नेता शुभेंदु अधिकारी ने क्यों कहा,  "जिसका साथ उसी का विकास, BJP में मुसलमानों की कोई जगह नहीं, बंद करो अल्पसंख्यक मोर्चा"

Suvendu Adhikari: भाजपा के दिग्गज नेता शुभेंदु अधिकारी ने एक विवादित बयान दिया है. वैसे बीजेपी नेता अपने बयानों की वजह से सुर्खियों में बने रहते हैं, लेकिन इस बार फिर उन्होंने ऐसा बयान दिया है, जिससे देश में हंगामा मच गया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी में मुसलमानों की कोई जगह नहीं है. हम 'सबका साथ, सबका विकास' नहीं कहेंगे, बल्कि हम कहेंगे कि जो हमारे साथ हैं, हम उनके साथ हैं. हालांकि, कुछ ही घंटों के बाद अपने बयान से मुकर गए हैं.

बीजेपी नेता ने दी सफाई
उन्होंने सफाई देते हुए कहा, "मेरे बयान का गलत मतलब निकाला जा रहा है, जब मैं अपने इलाके में जाता हूं, तो हिंदू हो या मुसलमान सभी को विकास योजनाओं का लाभ दिया जाता है, लेकिन तब भी कहा जाता है कि बीजेपी 'हिंदू पार्टी' है." न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए शुभेंदु अधिकारी ने कहा, "हम सभी लोगों के लिए काम करते हैं. हमारी सरकार के जरिए बनाई गई सभी योजनाएं सभी के लिए हैं. मैंने जो कहा है वह मेरी निजी राय है. सरकार का इससे कोई लेना-देना नहीं है."

पीएम मोदी से नहीं है लेना देना
शुभेंदु अधिकारी ने आगे कहा, "यह नारा पीएम नरेंद्र मोदी ने दिया था और यह आज भी कायम है. एक बीजेपी कार्यकर्ता के तौर पर मैंने बहुत दुख के साथ अपनी बात रखी कि बीजेपी की राज्य इकाई को पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ खड़ा होना चाहिए न कि उन लोगों के साथ जो बीजेपी के साथ नहीं खड़े हैं. यह एक राजनीतिक बयान है और इसका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नारे 'सबका साथ सबका विकास' से कोई लेना-देना नहीं है."

नहीं मिला एक भी वोट
उन्होंने कहा, "मेरे बयान निजी हैं और पार्टी की सोच से इसका कोई लेना-देना नहीं है. मेरे संसदीय इलाके में अल्पसंख्यक मोर्चा था. जहां मिलन उत्सव कार्यक्रम में मैंने 700 लोगों के साथ ईद मनाई थी. इसके बावजूद लोकसभा इलेक्शन में बीजेपी कैंडिडेट अभिजीत गांगुली को यहां से एक भी वोट नहीं मिला. सांप्रदायिक वोटिंग ने भाजपा को काफी प्रभावित किया है."

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