ZARA ON PALESTINIAN BOYCOTT: जारा ने कैंपेन के बायकॉट को लेकर बयान जारी किया है. बता दें हाल ही में जारा ने एक कैंपेन लॉन्च किया था, जिसका फिलिस्तीनी समर्थक विरोध कर रहे थे.
Trending Photos
ZARA ON PALESTINIAN BOYCOTT: काफी वक्त से जारा के कैंपेन को लेकर विवाद छिड़ रहा है. हाल ही में कंपनी ने अपनी वेबसाइट विज्ञापन हटा लिया था, लेकिन इस मसले को लेकर कोई बयान नहीं दिया था. अब जारा का इस मसले को लेकर बयान आया है. कंपनी ने एक स्टेटमेंट जारी करते हुए अपने इस कैंपेन को लेकर खेद व्यक्त किया है.
कंपनी ने हाल ही में एक कैंपेन लॉन्च किया था, जिसमें टूटी हुई डमीज़ को दिखाया गया, जिनमें से कुछ को सफेद कपड़ों में लिपटा हुआ दिखाया गया था. जो देखने में गाजा में मरने वाले लोगों की लाशों से मेल खाता दिख रहा है. इसी को लेकर फिलिस्तीन के समर्थक भड़क गए और जारा का विरोध करने लगे. जब कंपनी ने इस कैंपेन का विरोध होते देखा तो उसने अपनी वेबसाइट और सोशल मीडिया से तस्वीरों को हटाया.
ज़ारा ने साफ किया कि अपनी एटेलियर लाइन को बढ़ावा देने वाले अभियान की कल्पना जुलाई में की गई थी और अक्टूबर में हमास और इज़राइल के बीच संघर्ष से काफी पहले सितंबर में इसकी तस्वीर खींची गई थी. कंपनी ने कहा कि तस्वीरें "मूर्तिकार के स्टूडियो में अधूरी मूर्तियां" दर्शाती हैं और उनका मकसद कलात्मक संदर्भ में शिल्प-निर्मित परिधानों को प्रदर्शित करना था. कुछ कस्टमर्स ने तस्वीरों को उनके मूल इरादे से अलग समझा. जारा इन सभी चीजों के लिए खेद व्यक्त करता है.
एडवर्टाइजिंह स्टैंडर्ड अथॉरिटी (एएसए) वर्तमान में ज़ारा के अभियान के बारे में प्राप्त 110 शिकायतों की समीक्षा कर रहा है, शिकायतकर्ताओं का तर्क है कि तस्वीरें इज़राइल-हमास जंग का संदर्भ देती हैं और आक्रामक हैं. देश के अलग-अलग हिस्सों में इसका काफी विरोध भी हो रहा है. बता दें गाजा में अब तक 18 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.