Lionel Messi Story: फीफा के फाइनल में अर्जेंटीना ने फ्रांस को हराकर खिताब जीत लिया है. इस खबर में हम आपको अर्जेंटीना की जीत के हीरो बने मेस्सी की कहानी बताने जा रहे हैं. पढ़िए.
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Fifa World Cup: फीफा वर्ल्डकप 2022 का फाइनल मुकाबला हो चुका है. अर्जेंटीना और फ्रांस के बीच हुए महामुकाबले में अर्जेंटीना ने फ्रांस को शिकस्त दे दी. अर्जेंटीना की जीत के हीरो बने मेस्सी मेस्सी का ख्वाब पूरा हो गया. अपने कैरियर का आखिरी तिलिस्म तोड़ने में कामयाब रहे इस महानायक के बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर अर्जेंटीना पेनल्टी शूटआउट में फ्रांस को 4 . 2 से हराकर 36 साल बाद विश्व चैम्पियन बना. एमबाप्पे विश्व कप में 56 साल में हैट्रिक लगाने वाले पहले खिलाड़ी बने लेकिन खिताब बचा नहीं सके. वहीं अपना आखिरी वर्ल्डकप खेल रहे मेस्सी की उपलब्धियों पर इस खिताब ने महानता की मुहर लगा दी.
इस खबर में हम आपको मेस्सी के शुरुआती दौर की एक दिलचस्प बात बताने जा रहे हैं. हैरान करने वाली बात है कि मेसी बचपन में एक खतरनाक बीमारी से पीड़ित थे. इस बीमारी का नाम ग्रोथ हार्मोन डेफिशिएंसी (GHD) था. इस बीमारी में शरीर की ग्रोथ होना बंद हो जाती है. इस खतरनाक बीमारी की वजह से डॉक्टरों ने उन्हें फुटबॉल खेलने को मना कर चुके थे. एक खबर के मुताबिक मेसी के इलाज में उस वक्त 1000 डॉलर हर महीने खर्च होते थे.
इस स्टार का परिवार उनकी बीमारी का खर्च उठाने में असमर्थ था. ऐसे में बार्सिलोना क्लब को लेवल्स बॉ क्लब ने मेसी की बीमारी की जानकारी दी. बता दें कि बार्सिलोना मेस्सी खेल पसंद करता था. इतना ज्यादा कि वो मेस्सी को अपनी टीम का हिस्सा बनाना चाहता था. जिसके बाद बार्सिलोना ने मेस्सी को एक शर्त पर उनके इलाज का खर्च उठाने का ऑफर दिया. वो ऑफर ये था कि मेस्सी परिवार समेत योरोप में आकर बस जाएं. यह कॉन्ट्रैक्ट साल 2000 में हुआ था, जब मेस्सी महज़ 13 बरस के थे. जिसे मेसी ने अगस्त 2022 में क्लब बार्सिलोना छोड़ दिया.
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