इजरायल का कहना है कि हमास ने गाजा पर नियंत्रण खो दिया है. गाजा यां 16 सालों से राज कर रहा था. गाजा के सबसे बड़े अस्पताल में जिंदगी बेहाल है.
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इजरायल और हमास के दरमियान संघर्ष जारी है. इसी के तहत इजरायल गाजा पर हवाई और जमीनी हमले कर रहा है. इस दौरान इजरायल के रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने सोमवार को कहा कि हमास ने गाजा पट्टी पर "नियंत्रण खो दिया है" जिस पर उसने 16 सालों तक राज किया है. उन्होंने सबूत दिए बिना कहा, "हमास ने गाजा पर नियंत्रण खो दिया है. आतंकवादी दक्षिण की ओर भाग रहे हैं. नागरिक हमास के ठिकानों को लूट रहे हैं." इज़राइल के मुख्य टीवी स्टेशनों पर प्रसारित एक वीडियो में गैलेंट नेकहा, "उन्हें अब सरकार पर भरोसा नहीं है."
पहले हमास ने किया हमला
आपको बता दें कि हमास के लड़ाकों ने बीते 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमला किया. इसके बाद दोनों में जंग की शुरूआत हुई. हमास ने लगभग 1,200 लोग मारे गए और 240 लोगों को बंधक बना लिया गया. यह इज़राइल के 75 साल के इतिहास का सबसे घातक दिन था.
गाजा पर जवाबी हमले
गाजा पर जवाबी कार्रवाई करते हुए इजरायल ने जंग का ऐलान किया था. इजरायल ने गाजा पर हवाई हमले किए और जमीनी हमले शुरू किए. इसके बाद इज़राइल ने पिछले महीने हमास को खत्म करने के लिए अपना अभियान शुरू किया.
गाजा मीडिया के मुताबिक, संघर्ष में अब तक गाजा में 11,240 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें 4,630 बच्चे भी शामिल हैं. इजरायली सैन्य अभियान के कारण गाजा की दो तिहाई आबादी बेघर हो गई है.
गाजा को खाली करने का आदेश
इज़राइल ने गाजा के उत्तरी आधे हिस्से को पूरी तरह से खाली करने का भी आदेश दिया और नागरिकों से अपनी सुरक्षा के लिए वहां से हटने का आग्रह किया.
जमीनी आक्रमण जारी रहने की वजह, सप्ताहांत में हजारों लोग गाजा के सबसे बड़े अस्पताल से भाग गए क्योंकि इजरायली सैनिकों ने इसे घेर लिया था, और डॉक्टरों ने कहा कि सोमवार को इसके चारों ओर गोलीबारी और विस्फोट हुए. अस्पताल में मौजूदा वक्त में बिजली, पानी, भोजन, दवाओं और चीजों की कमी है. जिससे वहां नवजात शिशुओं की जिंदगी पर गंभीर खतरा है.
बंधकों को रिहा किया जाए
इजराइल गाजा में युद्धविराम की बढ़ती मांग को लगातार खारिज करता रहा है. इजरायल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मांग की है कि 7 अक्टूबर के हमलों के दौरान हमास की तरफ से पकड़े गए 240 से ज्यादा बंधकों में से सभी को वापस कर दिया जाए ताकि वह युद्धविराम पर विचार कर सकें.