भारत और कनाडा के दरमियान रिश्ते खराब चल रहे हैं. ऐसे में भारतीय उच्चायुक्त ने बताया है कि दोनों के रिश्तों में आई खटास को कौन कम कर सकता है.
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कनाडा और भारत के बीच मौजूदा तनाव का असर इस साल के सबसे बड़े इंडो-कनाडाई पुरस्कार समारोह पर भी पड़ा, जब इंफोसिस के संस्थापक एन.आर. नारायण मूर्ति की पत्नी सुधा मूर्ति को कनाडा इंडिया फाउंडेशन की तरफ से 50,000 डॉलर का वैश्विक भारतीय पुरस्कार दिया गया. ओंटारियो प्रीमियर डौग फोर्ड और कई कनाडाई नेता इस कार्यक्रम में मौजूद होने में नाकाम रहे, जबकि प्रमुख इंडो-कैनेडियन सांसद चंद्र आर्य, कुछ ओंटारियो विधायक और मकामी मेयर मौजूद थे.
दोनों सरकारें हल करेंगी मसले
मुख्य अतिथि रहे भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा ने भारत और कनाडा के बीच मौजूदा रिश्तों पर बात करते हुए कहा कि राजनीतिक मुद्दों को आखिरकार दोनों सरकारें ही निपटाएंगी. उन्होंने कहा, लेकिन भारत-कनाडाई समुदाय को द्विपक्षीय संबंध बनाते रहना चाहिए. “यह वह समय है, जब (हमारे संबंधों में) गर्मी है और हमें इसे ठंडा करना है.” वर्मा ने इस ताल्लुक से भारतीय पौराणिक कथाओं का हवाला देते हुए कहा, “मैं इस कमरे के आसपास बहुत सारे विष्णु देख सकता हूं जो रिश्ते को आगे बढ़ा रहे हैं, रिश्ते को जिंदा रख रहे हैं. शिव का सौम्य स्वरूप है. जब-जब ताप होता है, तब-तब शिव से गंगा निकलती है. हमें शिव के सौम्य रूप की जरूरत है और गंगा की जरूरत है, जो नीचे आकर हमारे मौजूदा द्विपक्षीय रिश्तों के तापमान को ठंडा करे.''
कारोबार करें
भारतीय उच्चायुक्त ने कहा, "भावनात्मक विस्फोट होंगे, क्योंकि भारत एक भावनापूर्ण देश है." वर्मा ने प्रवासी भारतीयों से बेहतर द्विपक्षीय रिश्तों के लिए काम करते रहने की गुजारिश करते हुए कहा, “मैं आप सभी से जो करने की गुजारिश करूंगा, वह यह है: आप व्यवसाय करें, आप वकालत करें, आप लोगों को (भारत के बारे में) पढ़ाएं, आप छात्रों को उद्यमियों के रूप में विकसित करें. ये वे क्षेत्र हैं जो (मौजूदा संबंधों से) प्रभावित होने वाले नहीं हैं.” अपने स्वागत भाषण में कनाडा इंडिया फाउंडेशन के अध्यक्ष सतीश ठक्कर ने कहा कि कनाडा-भारत रिश्तों को "स्थानीय राजनीतिक मजबूरियों का बंधक नहीं बनाया जाना चाहिए."
बेहतरीन काम करने वाले को मिलता है अवार्ड
हर साल, कनाडा इंडिया फाउंडेशन अपने इलाके में बेहतरीन काम करने वाले के लिए एक प्रमुख भारतीय को ग्लोबल इंडियन अवार्ड से सम्मानित करता है. पुरस्कार के पिछले प्राप्तकर्ताओं में सैम पित्रोदा, रतन टाटा, एन.आर. नारायण मूर्ति, योगगुरु बाबा रामदेव, वेदांत के संस्थापक अनिल अग्रवाल सहित दूसरे शामिल हैं. सुधा मूर्ति ग्लोबल इंडियन अवार्ड से सम्मानित होने वाली पहली औरत हैं.