हमास ने कुछ ही मिनटों में इजराइल पर दागे 100 से ज्यादा रॉकेट, भारतीय महिला की मौत
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हमास ने कुछ ही मिनटों में इजराइल पर दागे 100 से ज्यादा रॉकेट, भारतीय महिला की मौत

गाजा से फलस्तीनी चरमपंथियों के रॉकेट हमले में इजराइल में 30 वर्षीय भारतीय महिला की मौत हो गई. केरल के इडुक्की जिले की रहने वाली सौम्या संतोष इजराइल के अशकेलॉन तटीय शहर के एक घर में एक बुजुर्ग महिला की देखभाल का काम करती थी.

फाइल फोटो

यरूशलम: गाजा से फलस्तीनी चरमपंथियों के रॉकेट हमले में इजराइल में 30 वर्षीय भारतीय महिला की मौत हो गई. केरल के इडुक्की जिले की रहने वाली सौम्या संतोष इजराइल के अशकेलॉन तटीय शहर के एक घर में एक बुजुर्ग महिला की देखभाल का काम करती थी. गाजा पट्टी की सीमा से लगे अशकेलॉन में फलस्तीनी चरमपंथियों ने हमला किया. गाजा के चरमपंथियों ने सोमवार शाम से इजराइल पर सैकड़ों रॉकेट दागे और मंगलवार रात नौ बजे तक (स्थानीय समयानुसार) हिंसा में कम से कम 31 लोगों की मौत हो गई.

ऐसा बताया जा रहा है कि फलस्तीनी चरमपंथियों के हमले में मारी गई भारतीय महिला पिछले सात साल से इजराइल में रह रही थी और उसका नौ साल का बेटा है, जो उसके पति के पास केरल में रहता है. स्थानीय मीडिया में आई खबरों में बताया गया कि भारतीय महिला जिस 80 वर्षीय बुजुर्ग महिला की देखभाल करती थी, वह घर पर सीधे गिरे रॉकेट के हमले में शदीद तौर पर जख्मी हो गई है और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है. चैनल 12 ने बताया कि रॉकेट हमले की हालत में हिफाज़त के लिए बनाई गई जगह महिला के घर से एक मिनट की दूरी पर है, लेकिन वे समय पर वहां नहीं पहुंच सकीं.

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भारत में इजराइल के राजदूत रॉन माल्का ने मंगलवार को ट्वीट किया, "मैं इजराइल की तरफ से सौम्या संतोष के परिवार के प्रति गहरी संवेदना जाहिर करता हूं, जिनकी बेकुसूर लोगों पर किए गए हमास के आतंकवादी हमले में मौत हो गई."

केरल में सौम्या के परिवार ने बताया, जब हमला हुआ उस समय वह अपने पति संतोष से वीडियो कॉल के जरिए बात कर रही थी. संतोष के भाई साजी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा, "मेरे भाई ने वीडियो कॉल के दौरान एक जोरदार आवाज सुनी और अचानक फोन कट गया। इसके बाद हमने वहां पर मलयाली मित्रों को फोन किया. तभी हमें हमले के बारे में पता चला."

कुछ मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि हमले के दौरान ‘आयरन डोम’ बैटरी (सभी मौसम में कारगर वायु रक्षा प्रणाली, जो कम दूरी के रॉकेट बीच में रोककर तबाह कर देती है) में तकनीकी खामी आ जाने से वह कुछ रॉकेटों को बीच में नहीं रोक पाई और इसी वजह से लोग हताहत हुए.

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अशकेलॉन के मेयर टोमर ग्लैम ने बताया कि इलाके के करीब 25 फीसद निवासियों के पास रॉकेट हमले की हालत में किसी महफूज जगह पर जाने की सहूलियत नहीं है. उन्होंने कहा, "जब आम जिंदगी जीवन मिनटों में इमरजेंसी बन जाए, तो महफूज़ जगह पर पहुंचना ना मुमकि हो जाता है."

बता दें कि मस्जिद अल अक्सा में फलस्तीनी और इजराइली सिक्योरिटी फोर्सेज़ के बीच पिछले दिनों हुई झड़प ने हिंसक शक्ल इख्तियार करली है. दोनो जानिब से रॉकेट दागे जा रहे हैं. इजराइल के विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि हमास ने रिहायशी इलाके में करीब 130 रॉकेट दागे हैं और यरुशलम में भारी हिंसा फैलाई. 

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