Kartarpur: 1947 में भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के दौरान बिछड़े महेंद्र कौर और अजीज अब जाकर मिले हैं. दोनों की मुलाकात करतारपुर में हुई. जिसकी तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं.
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Kartarpur: भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के दौरान ना जाने कितने परिवार अलग हो गए. इस बंटवारे में केवल दो मुल्क ही बने बल्कि काफी लोग इसके साथ बिछड़ गए. कुछ लोग बाद में मिले, लेकिन कुछ लोग आज भी मिल नहीं पाए हैं. लेकिन कुछ दिन पहले करतारपुर साहेब पर एक बेहतरीन नजारा देखने को मिला. जहां एक 75 साल पहले बिछड़े बहन-भाई आपस में मिले. ये पूरी मुलाकात सोशल मीडिया के जरिए मुमकिन हो पाई.
आपको जानकारी के लिए बता दें 1947 में हुए बंटवारे के दौरान भारत के पंजाब हिस्से से सरदार भजन सिंह का परिवार अलग हो गया था. जिसमें अजीज पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में चले गए थे और उनका परिवार भारत में ही रह गया था. अजीज ने कम उम्र में ही शादी कर ली, लेकिन उनकी हमेशा से ही ख्वाहिश थी कि वह हिंदुस्तान में अपने परिवार से मिलें. आखिर उनकी ये ख्वाहिश पूरी हो गई और करतारपुर साहेब में 74 वर्षीय शेख अब्दुल अजीज की मुलाकात उनकी बहन महेंद्र कौर से हो गई. दोनों की मिलते हुए तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जिसमें वह दोनों एक दूसरे से गले मिल रहे हैं.
सोशल मीडिया पर एक शख्स ने अजीज की पूरी कहानी पोस्ट की थी. जिसमें वह बता रहे थे कि कैसे वह अपने परिवार से विभाजन के दौरान अलग हो गए. जिसके बाद पता लगा की अजीज और महेंद्र बिछड़े हुए भाई बहन हैं. दोनों ने करतारपुर साहेब में मिलने का फैसला किया और रविवार के दिन दोनों ने खुशी के मारे एक दूसरे को गले लगाया.
महेंद्र ने अपने भाई के हाथों को चूमा और फिर दोनों ने करतारपुर साहेब में माथा टेका. दोनों ने गिफ्ट्स एक दूसरे को दिए. दोनों को करतारपुर प्रशासन ने माला पहनाई और मिठाइयां बांटी. पंजाब प्रांत में गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत के पंजाब राज्य में गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से जोड़ता है. आपको बता दें करतारपुर में इससे पहले भी कई बिछड़े परिवारों की मुलाकात हो चुकी है.